महेश चन्द्र त्रिपाठी "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत कभी न बदला करती फितरत कभी न बदला करती, नर हो अथवा नारी चोरी भले न करे चोर पर, करता लउकाटारी सन्त सन्तई नहीं त्यागते, परहित में रत रहते कभी किसी को सपने में... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 185 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Jul 2023 · 1 min read बदल गई मेरी फितरत बदल गई मेरी फितरत अब, मुझमें अब न बुराई है घनीभूत होती जाती अब, जीवन में अच्छाई है मेरी काया हुई कुंदनी, रोग न मुझे सताते अब भाॅंति-भाॅंति के सद्विचार... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 113 Share