305 authors ·
6200
posts
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
कसरत करते जाओ
Harish Chandra Pande
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
पानी की महिमा
कवि अनिल कुमार पँचोली
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
प्रदूषण और प्रदूषण
कवि अनिल कुमार पँचोली
भूख के बुखार से!
Priya princess panwar
शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी)
Neeraj Agarwal
जल प्रदूषण पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
मुझे बस तेरी याद है आती ।
Kanchan Alok Malu
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
बचा सको तो बचा लो तुम प्रकृति की काया
कृष्ण मलिक अम्बाला
यादों के बरसात को छोड़,
Radha Bablu mishra
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
VINOD CHAUHAN
नशा मोहब्बत का उतार फेंके दो,
Radha Bablu mishra
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
नन्ही मिष्ठी
Manu Vashistha
अब भी बाकी है..
हिमांशु Kulshrestha
मौत का क्या कसूर
Radha Bablu mishra
(6) गरीब का नया साल
Shutisha Rajput
रैना बीते न बेकार में,
Radha Bablu mishra
मैं तो महज आवाज हूँ
VINOD CHAUHAN
(,5) एसा क्यूं होता है
Shutisha Rajput
5. माँ - बेटे का दर्द
Dr. Man Mohan Krishna
गर्मी की छुट्टियां
Tarun Singh Pawar
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
(4) बेटियां
Shutisha Rajput
4. तेरा बेटा भी शुरवीर कहलायेगा
Dr. Man Mohan Krishna
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
मिष्ठी का प्यारा आम
Manu Vashistha
3. यह कैसी झूठी शान है
Dr. Man Mohan Krishna
खुशी
Garima Pant
2. खाओ शपथ उन वीरों की
Dr. Man Mohan Krishna
नारी उत्थान कौन करेगा.
डी. के. निवातिया
आरक्षण
Tarun Singh Pawar
वो गौरैया,
डी. के. निवातिया
उसे मैं भूल जाऊंगा, ये मैं होने नहीं दूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
वक़्त ही तो है गुजर जाएगा
डी. के. निवातिया
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
इक दूजे पर सब कुछ वारा हम भी पागल तुम भी पागल।
सत्य कुमार प्रेमी
एक बीमारी हमने देखी,
Tarun Singh Pawar
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
कोरोना महामारी
Tarun Singh Pawar
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
1. हिन्दुस्तान को पहचानो
Dr. Man Mohan Krishna
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं तुम्हारे ख्वाबों खयालों में, मद मस्त शाम ओ सहर में हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
सत्य कुमार प्रेमी