NAVNEET SINGH Poetry Writing Challenge 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read साल के पहले दिन इतंजार तो है हम जैसे को कब मिल रहें काटें घड़ी के बारह पर जाकर लोग कर के मौज-मस्ती दुबक जाए अपने-अपने घरों में जाके फिर निकलेगें हम ले बोरा... Poetry Writing Challenge 118 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read इन्तजार और संशय इन्तजार सा रहता था, डाकिये का, हर शाम को, देखने को चिट्ठिया, टिकट रंग-बिरंगे। सीखा था दौड़ना मैंने, उसके पीछे दौड़ते हुए। समझा था अक्षरो को, पढ़ चिट्ठिया अपनों की।... Poetry Writing Challenge 91 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read कुछ मुद्दे अपनी संसद में कहकर छोड़ मत दीजिए, विडम्बना, दुर्व्यवस्था को। आज अराजकता बढ़ रही हो रही हत्या मान के नाम पर। मुह चिढ़ा रही, झुग्गी झोपड़ी टूटे-फूटे थपुओं के बीच से हमारी व्यवस्था... Poetry Writing Challenge 127 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read ठीक सुना आपने हसो मत, मत हसो। मैं रो रहा, और तुम लोग हस रहे, शर्म नहीे आती, तुम लोगो को देखकर दशा उनकी, जो मेरी भूख हैं। मैं कभी मर नहीं पाता,... Poetry Writing Challenge 125 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read मेरे हिस्से की रोटी... मैं भूखा, थाली भी सूखी। कुछ देर इन्तजार के बाद गिरी अकस्मात्, पीछे से रोटी, अधजली, अधपकी सी। मैं उसे देखता रहा, बस देखता रहा। बोला तभी रोटी वाला, सोचता... Poetry Writing Challenge 112 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read नींद का राग घोंट दिया गला बचपन का, उसने जीने की खातिर। सोता जागता वह सीटी सुनकर खुले आसमान के नीचे, माटी के बिछौने पर, ओढ़ चद्दर हवाओ का। कभी-कभी वह सोता भी... Poetry Writing Challenge 119 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read जद्दोजहद तलाश खत्म हो गयी स्थान की रिक्तता ने स्थान से गठबंधन कर नई परिपाटी बना आक्रमण कर दिया है हशिये पर 'हाशिये का आस्तित्व अब खतरें में!!!' सुर्खिया आज हैं... Poetry Writing Challenge 191 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read राजाज्ञा राजा ने फरमान किया नगर के सारे चूहों को बन्द कर दिया जाये बेड़ियों में इसलिये नहीं कि उसे उसकी गंध से नफरत थी या चूहों ने कुतर दाले आज... Poetry Writing Challenge 282 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read हुनर गुणवत्ता के इस युग में स्वयं को कुसमायोजित होता देख उसने चरण-वन्दना के अति-प्राचीन कौशल का प्रयोग कर सारे फिज़ूल कार्य करने के अपने समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर ली। Poetry Writing Challenge 189 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read विकल्प की तलाश लगे आपको ठीक नहीं हो रहा कुछ भी उस आपके पास पहला विकल्प यह है कि तलाशिये नये प्रत्यावर्त को और फिर जब घुटन होने लगे फिर तलाशते हुये नव... Poetry Writing Challenge 196 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read शिखर शून्य से एक बनने के सफर में मैने यह पाया कि इन दोनो के बीच ढेरो दशमलवांक है जो नेपथ्य में रहते हुये भी इनका जुड़ाव सुनिश्चित करते हैं | Poetry Writing Challenge 218 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read कुछ लोग बडी आसानी से कह दिया कि गलती तुम्हारी थी हां गलती तो मेरी ही थी कुछ नहीं ढेर सारी जो चाहा था पाना तुमसे झूठ तुम्हारा, अफ़सोस तो इस बात... Poetry Writing Challenge 147 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read बारिश में बारिश में बारिश में दो लोग ही भीगते है पहला वो जिसे भीगना पसन्द है दूसरा वो जिसके पास और कोई रास्ता ना बचा अब सिवाय भीगने के। Poetry Writing Challenge 178 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read गाँव बनाम शहर मैने देखा है शहर को जब वो घाटे में होता है सबसे पहले बेचता है जमीन गांव की उस घाटे से उबरने के लिये यदि मुनाफ़े में आता है शहर... Poetry Writing Challenge 174 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read सोचना सोचना हमारी फितरत ही नहीं हमारी ताकत भी है. हमें सोचने का हक़ है और चाहियेभी सोचना, क्योंकि कुछ काम सोचने से ही पूरे होना प्रारंभ हो जाते है… सोच... Poetry Writing Challenge 82 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read क्या देखते हो... क्या देखते हो... खामोश दीवारों से इधर-उधर क्या देखते हो? अपने ख्वाबो में पल रहे खामोश लहरों को देख आगन में पसरी धूप के साये में मुरझाई तुलसी के पत्तों... Poetry Writing Challenge 59 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read उम्मीद उसने पूछा 'अनस' तुम्हारी आखों को सपने और इन सपनों को उम्मीद कहां से मिलती है मैंने उसे ले जा आईने के सामने खडा कर दिया| Poetry Writing Challenge 55 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read मांग पत्र काश तुम तब मिले होते बसता था प्यार जब दिल के किसी कोने में | शायर था दिल प्यासी थी अंखिया अक्स के दीदार को | टूट कर बिखर गया... Poetry Writing Challenge 80 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read अमानत आज भी रखा हूँ सहेज कर तेरी हर गाली थप्पड़ सारे और वो आशूँ भी जो गिरते थे तेरे आखो से मुझे रुलाने के बाद Poetry Writing Challenge 59 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read निर्णय बस आकर स्टाप पर रुकी कालेज के लड़के कुछ लड़किया भी रोज की तरह आज भी बस में चढ़े अगर कुछ नहीं था जो कल की तरह वो था मौसम... Poetry Writing Challenge 65 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read मैं विद्रोह करुँगा... ऊब गया हूँ, मैं एक ही लीक पर चलकर छोड़ना चाहता हूँ तोड़ना चाहता हूँ, इन्हे कि नियन्ता आज के अनुमति ना दे रहे डर है उन्हे कहीं टूट ना... Poetry Writing Challenge 207 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read चोर हूँ मैं... नहीं बदलना चाहता अर्थ, तुम्हारे शब्दो के, ना ही शब्द तुम्हारे। मैं आज भी वहीं हूँ जो कल तक था। हूँ चुराना चाहता सदा से ही तेरे माथे की शिकन... Poetry Writing Challenge 264 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read मेरा कमरा चार दीवार एक छत छत पर लटकता पंखा एक रोशनदान एक ही दरवाजा एक ही बल्ब है, जलता हैं जो कुछ देर बाद सूनी खूटियों पर टंगे हैं कुछ कपड़े... Poetry Writing Challenge 157 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read उलझनों की भूलभूलैया कई चित्र है कई दृश्य है एक दूसरे से उलझे हुए अपनी कथा के। छुड़ाऊ किसी एक को, सब साथ में और उलझ जाते हैं। भागूॅ छुड़ाकर पीछा किसी एक... Poetry Writing Challenge 66 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read हाशिया छूट जाते हैं कुछ लोग छोड़ भी दिये जाते हैं कभी-कभी जो साथ चल नहीं पाते या फिर रह जाते हैं दूर परिधि से। चलता रहा परिधि अपनी धुन में,... Poetry Writing Challenge 78 Share NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read अरपा के तट पर देखा जब पहली बार चले गये थे, शरमाकर क्योंकि सुमार था तुम्हारी आदतों में बुरा नहीं लगा था, मुझे इसीलिये आता हूँ बार-बार पास तेरे, तुझे निहारने की खातिर। अब... Poetry Writing Challenge 71 Share