Dr MusafiR BaithA Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read घूर गांवों में शहराती गांवपंथियों के बीच में घूर लग जाता है सबेरे-सकाल सूरज उगकर भी नहीं उगता या उगता है देर से अक्सर इन कुहासा भरे शीत दिवसों में ऊष्मादायी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 493 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read औरत की हँसी कोई औरत यदि हँस रही है तो जरूर कोई मार्के की बात होगी, अच्छी बात होगी यह औरत के पक्ष की बात हो सकती है मर्द पर उनकी जीत की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 547 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read घर फुटपाथ ही जिनका घर है कहने को घर वे बच्चे ईंट से ईंट सजाकर घर बनाना खेल रहे हैं मां बाप उनके इन्हीं ईंट के भट्ठे के मालिक का घर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 384 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read कैलेंडर नया पुराना रात को सोया जब कैलेंडर ज़िंदा था मेरे शयनकक्ष में टंगा सुबह देखा हर्फ हर्फ उसके निस्तेज हो गए हैं गर्दनें लटक कर उनकी भेंट चढ़ गई हैं समय की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 313 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी जो कुछ बुरा है अपने जीवन में किया-धरा नहीं अपना वह उनने धरा दिया जबरन और अनधिकार उनके जीवन में जो भी दिखती है धार वह सब है बहुजनों से... Poetry Writing Challenge · कविता 2 418 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read नए मुहावरे का चाँद नीम रौशनी चाँद की शीतल होती रात की नीम अंधेरा चाँद का गहना सा है धरती का नीम रौशनी और अंधेरा दुन्नो मिल जब डाले डेरा धरती जाती सँवर ग़ज़ब... Poetry Writing Challenge · कविता 1 200 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी वह घोषित रूप से प्रेम पत्र बचाने के एजेंडे पर है प्रेम पत्र बचाना जबकि उसका ध्येय हो नहीं सकता कतई उसके पुरखों ने कब की है प्रेम पत्र की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 288 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read कुत्ते कुत्ते यदि पालतू नहीं हैं नस्ल विशेष के नहीं हैं और न ही पागल तो हिंसक नहीं होते काट नहीं खाते मालिकों के आगे वे दुमहिलाऊ होते हैं शीशनवाऊ होते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 273 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read मनुष्यता बनाम क्रोध आदमी में जिस अनुपात में क्रोध आना घट जाता है उसी अनुपात में उसका सयानापन बढ़ता है मनुष्यता सिकुड़ती है और बढ़ती है भीरूता गो कि इस भीरूता में भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 182 Share Dr MusafiR BaithA 15 Jun 2023 · 1 min read नए पुराने रूटीन के याचक नए साल के पहले दिन लोगों का नया रूटीन है धर्मस्थलों पर जुटे हैं वे अपने कर्तव्य अकर्तव्य अपने आराध्यों को सौंपकर अगले तीन सौ पैंसठ दिन के कील कांटे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 304 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ मेरे आवास परिसर में चीटियों ने बालू का एक ज़खीरा खड़ा कर रखा है जो उनके कद एवं अनथक अप्रतिहत श्रम के हिसाब से कम नहीं है एक पहाड़ बनाने... Poetry Writing Challenge · कविता 2 472 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read चाँद से वार्तालाप ऐ चाँद! सूरज ने तुम्हें सोलहों कलाएं दीं बेवजह धरती के लिए जैसे भारत की धरती के मनुपुत्रों ने छल-बल लिए समस्त दलितों के विरुद्ध अकड़ने के लिए ऐ चाँद!... Poetry Writing Challenge · कविता 2 251 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read आए गए महान आए गए बुद्ध फिर भी समाज की सही न सेहत, आबोहवा अशुद्ध आए गए महावीर फिर भी समाज तोड़क औ’ हिंसक ही बन रहे पीर आए गए नानक फिर भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 178 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read थोथा चना वसुधैव कुटुम्बकम सारे जहाँ से अच्छा... है प्रीत जहाँ की रीत सदा... सत्यमेव जयते आदि इत्यादि जैसे उच्च उत्तंग उदात्त उन्मत्त मानवीय भावों के ठकुरसुहाती छद्म कपटी उद्घोष जहाँ हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 305 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read सायलेंट किलर भारतीय हिंदू संस्कार में बेटा होने एक खुशी की थाली बजती थी। यह परम्परा जनाना थी कोरोना-प्रकोप पर विज्ञान युग में थाली बज रही है। थाली बजाने का संस्कार यह... Poetry Writing Challenge · कविता 1 317 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read संस्कारधर्मी न्याय तुला पर उस 'जजमान' 'न्यायाधीश प्रवर ने अपने पंडित कुलजात कुलपंडित के किशोरवय पुत्र को भी दिया था ब्रह्मगंधी अधिमान अपने घर आए पिता-पुत्र दोनों के चरण छू लिए थे उसने जबकि... Poetry Writing Challenge · कविता 1 254 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read बड़ी मछली सड़ी मछली नदियां जलचरों का घर होती हैं प्राकृतिक आहार शृंखला में घर के भीतर ही कमजोर को मजबूत जलचर खा डालते हैं बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है –... Poetry Writing Challenge · कविता 1 398 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read धर्म, ईश्वर और पैगम्बर मुसलमानों के पास अल्लाह नाम का ईश्वर है जो अशरीरी है और एक पैग़म्बर भी हुआ शरीरी उनका अल्लाह के इक्विवैलेंट कुव्वत वाला मगर वे न तो अपने ईश्वर का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 324 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read ईश्वर, कौआ और आदमी के कान ईश्वर को गढ़ने वाले आदमी ने बताया ईश्वर ने दुनिया बनाई है दुनियाभर के जीव जंतु बनाए हैं उनके गुण अवगुण भी निर्धारित करता है वह चलाता है उन्हें लोगों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 286 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read ईश्वर का घर किसी चालाक आदमी ने ईश्वर को बनाया बनाकर बताया कि हर जगह रहता है वह लेकिन उसके लिए घर बनाया उसे आलीशान घर तक में बिठा आया आलम यह है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 341 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read उसका प्यार वह मुझसे घृणा रखते हुए और, उसे जज्ब कर बाहरी तौर पर प्यार का इजहार ऐसे करता है जैसे कि मेरा मान भी उसने अपनों में अटा रखा हो! जैसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 297 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न ईश्वर पूरी स्त्रियों में नहीं होता मात्र आस्तिक स्त्रियों में होता है आस्तिक स्त्रियों में भी पूरी शक्ति और मन से वह सवर्ण स्त्रियों के भीतर उतरता है इसमें भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 237 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read आम्बेडकर ने पहली बार इस महामानव ने वर्णाश्रयीयों के चुंगल और आत्मघाती धार्मिकता से वैज्ञानिक सोच, स्वस्थ एवं खुद्दार जीवन की ओर मोड़ सकने का वाया भारत का संविधान रास्ता दिया था रास्ता जो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 253 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read कविता का प्लॉट (शीर्षक शिवपूजन सहाय की कहानी 'कहानी का प्लॉट' के शीर्षक से अनुप्रेरित है) बाबा साहेब से आभा पाकर मेरा धूसर चेहरा ऐसे चमकता है जैसे मोची के सधे हाथों पॉलिश पा कोई जूता! उधर वह शतरंजबाज धर्म की ओट ले बाजदफ़ा ऐसे लगाता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 354 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jun 2023 · 1 min read आम्बेडकर मेरे मानसिक माँ / MUSAFIR BAITHA यह देह जैविक जननी की जनी हुई है बाकी सब आम्बेडकर-माँ का दिया हुआ शब्द जो मैं बोलता हूँ तर्क जो तेरे विरुद्ध रखता हूँ चाय–पानी जो मैं तुम्हारे साथ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 252 Share