Manu Vashistha Poetry Writing Challenge 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manu Vashistha 15 Jun 2023 · 1 min read याद आए दिन बचपन के रहते थे हम बन ठन के याद आए दिन बचपन के। करते थे मनमानी याद आ गए नाना नानी झूठमूठ सबको सताते, नाच दिखाते ठुमक ठुमक के याद आए दिन... Poetry Writing Challenge 245 Share Manu Vashistha 13 Jun 2023 · 1 min read नन्ही मिष्ठी ✍️नन्ही मिष्ठी मिष्ठी को चाहिए👸 मम्मा की नरम गोद डैडा के कन्धे के राजसी ठाठ दादू संग सैर सुहानी और दादी से रोज नई कहानी मिष्ठी को चाहिए👸 तारों भरा... Poetry Writing Challenge 2 233 Share Manu Vashistha 13 Jun 2023 · 1 min read मिष्ठी का प्यारा आम ✍️ मिष्ठी का प्यारा आम__ दशहरी,लंगड़ा,हाफुस,चौसा स्वाद बहुत ही भाता। नहीं कोई रानी,फिर भी फलों का राजा कहाता।। पहले पानी में डाल दो, गर्मी इसकी निकल जाए। टोकरी हो पूरी... Poetry Writing Challenge 3 292 Share Manu Vashistha 11 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण प्रकृति में समाया परिवार __________________ दादा नाना, बड़े बुजुर्ग! हैं वो घर के कल्प वृक्ष, जो चाहो सो वर पाओ मजबूती देते, जैसे वट वृक्ष नीम! पिता की अनुभूति जैसे... Poetry Writing Challenge 2 441 Share Manu Vashistha 11 Jun 2023 · 3 min read हिंदी का आनंद लीजिए __ ✍️हिंदी का थोडा़ आनंद लीजिए ... कहते हैं हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे हैं एक वाक्य में समेटे, ज्ञान का बड़ा संसार हैं... बात पर बात, और खाने पीने... Poetry Writing Challenge 3 416 Share Manu Vashistha 10 Jun 2023 · 2 min read बच्चों को बच्चा रहने दो बच्चों को बच्चा रहने दो... उन्हें खुल कर हंसने दो,खिलने दो फूल की तरह जानने को उत्सुक कंकड़,पत्थर,पत्ते,लकड़ी,रेत समझे सृष्टि की अबूझ पहेलियां,प्रकृति से जुड़ने दो, बच्चों को बच्चा रहने... Poetry Writing Challenge 1 232 Share Manu Vashistha 9 Jun 2023 · 1 min read गर्मी की छुट्टियां गर्मी की छुट्टियां __ गर्मी की छुट्टी और गांव ननिहाल में जाना बच्चों को मिल जाता जैसे कोई खजाना कुछ दिन होगी खूब, मटरगश्ती मनमानी आईसक्रीम, चुस्की, कुल्फी रोज है... Poetry Writing Challenge 2 364 Share Manu Vashistha 7 Jun 2023 · 1 min read गांव में छुट्टियां ✍️ गांव में छुट्टियां अब के बरस दादू के संग छुट्टी सभी बिताना ... भरी दुपहरी चढ़ें नीम पर गांव की सैर कराना... पक्षियों को जब डालें दाना चिड़िया चींचीं... Poetry Writing Challenge 2 321 Share Manu Vashistha 7 Jun 2023 · 1 min read सब्जियां सर्दियों में ✍️ 🍒🍓 सब्जियां सर्दियों में🍒🍓 खूब खाइए सब्जियां, स्वस्थ रहे शरीर, रोग ना व्यापै, देख सब्जियों की शक्ति को, सर्दी भी थर थर कांपै। 🍆🥕🌶️ 🍆🥕🌶️ 🍆🥕 खूब बनाएं सूप,... Poetry Writing Challenge 3 237 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read गर्मी आई ✍️ मिष्ठी, एवं सभी बच्चों के लिए__ गर्मी आई,आंधी आई, उड़ रही है धूल। आ पहुंचे हैं फल रसीले, जो रखेंगे तुमको कूल।। 🍉🍇🍊🍋🍌🍍🍓🍒🍎🥝 लगता सेठ जी जैसा, हरा भरा... Poetry Writing Challenge 2 259 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read चींटी रानी चींटी रानी ___ चींटी रानी बड़ी सयानी मीठी चीजों की दीवानी है तो छोटी गुण बहुत है काम की धुन में रहे मगन है एक बार जो ठान लिया है... Poetry Writing Challenge 2 654 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read मिष्ठी के लिए सलाद ✍️🥗🥗🥗🥗🥗🥗 मिष्ठी (बच्चों) के लिए, सलाद🥗 ___ पत्तागोभी के पत्तों पर🍃 बैठा गोलू लाल टमाटर🍅 मूली, गाजर हैं सहेली🥕 धनिया से मिर्ची यूं बोली🌶️🍀 खीरा, ककड़ी भी इठलाती🥒🥒 गर्मी को... Poetry Writing Challenge 2 393 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read मिष्ठी रानी गई बाजार कविता _ मिष्ठी रानी गई बाजार वहां से मम्मा लाई सब्जी चार मिष्ठी चाहे पिज्जा और बर्गर उसको भाए पूरी अचार सब्जियों का दोस्त है आलू, नहीं बने संग जिमीकन्द,... Poetry Writing Challenge 1 462 Share Manu Vashistha 2 Jun 2023 · 1 min read बिल्ली बिल्ली ___ बिल्ली बोली म्याऊं म्याऊं मैं तो दिल्ली देखने जाऊं लालकिले का तिरंगा देखूं पहन के जींस मैं इतराऊं नरम नरम बाल हैं मेरे काले काले और सुनहरे गले... Poetry Writing Challenge 1 393 Share Manu Vashistha 2 Jun 2023 · 1 min read तितली तितली ___ रोज सवेरे बागीचे में फूलों पर मंडराए तितली इंद्रधनुषी पंखों वाली सबके मन को भाए तितली लगती कोई राजकुमारी या परीलोक से आई तितली फूल फूल से रंग... Poetry Writing Challenge 3 2 139 Share Manu Vashistha 30 May 2023 · 1 min read मोर मोर ___ रोज सवेरे छत पर मेरे, दाना चुगने आता मोर। पेंकू पेंकू गाना गाता, सुंदर पंख फैलाता मोर। घुमड़ घुमड़ जब आए बादल, जोर जोर चिल्लाता मोर। ठुमक ठुमक... Poetry Writing Challenge 2 263 Share Manu Vashistha 27 May 2023 · 1 min read बेटियां!दोपहर की झपकी सी __ बेटियां होती हैं दोपहर की झपकी सी जब भी आती है, उतार देती हैं थकान झपकी देती है नई ऊर्जा, दोपहर बाद सांझ में कार्य करने के लिए तो... Poetry Writing Challenge 1 114 Share Manu Vashistha 27 May 2023 · 1 min read पुकार पुकार __________________ मैं तो हूं प्यार का नन्हा फूल हो गई थी क्या मुझसे भूल।। करने चले अलग टहनी से। चुभ रहे बन कर तीखे शूल।। अनचाहा कैसे हो सकती।... Poetry Writing Challenge 1 307 Share Manu Vashistha 23 May 2023 · 2 min read मां बताती हैं ...मेरे पिता! मां बताती हैं... वीडियो कॉल पर बात भी करवाती हैं कमजोर हो गए हैं पिताजी कुछ नहीं कहते, बस ताकते रहते जीवन की सांध्य बेला में शरीर से ही नहीं,... Poetry Writing Challenge 1 256 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read यादें बहुत याद आती है गर्म चाय में उठती भाप, गुड़,अदरक, लौंग की महक, खयाल मात्र से, एक नशा सा छा जाता, तुम्हारे रूई से मुलायम, सफेद बादल से बाल, पहाड़ों... Poetry Writing Challenge 1 152 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read मोर बाल कविता__ दादी बोली मिष्ठी से उठ जाओ अब जल्दी से सूरज दादा को करो नमस्कार छत पर पक्षी कर रहे इंतजार थोड़ा सा डालो तुम दाना पानी भी रखकर... Poetry Writing Challenge 1 205 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read यक्ष प्रश्न साहित ✍️_यक्ष प्रश्न?कब आओगे? हमेशा की तरह इंतजार करती निगाहें और मां का यक्ष प्रश्न कब आ रहे हो ... मेरा भी हमेशा की तरह एक ही जवाब,दिलासा आ रहा... Poetry Writing Challenge 1 226 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read फ्लैट संस्कृति ✍️__फ्लैट संस्कृति! अब घरों में #देहरी नहीं होती जिसे देख समझाया था, कभी देहरी पार करने का मतलब, अब घुटनों चलते बच्चे भी, पार कर, हो जाते हैं घर से... Poetry Writing Challenge 1 65 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read बेटियां ✍️_बेटियां ओस की बूंदें और बेटियां एक तरह से एक जैसी होती हैं जरा सी धूप, दुख से ही मुरझा जाती हैं लेकिन दे जाती हैं जीवन, बाग बगीचा हो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 384 Share Manu Vashistha 16 May 2023 · 1 min read बीज और बच्चे ✍️बीज और बच्चे __ बीज और बच्चे होते हैं एक जैसे जिनमें छुपी हैं अनंत संभावनाएं सब जानते हैं फिर भी मातापिता कहां मानते हैं बेटियों को रोपते हैं धान... Poetry Writing Challenge · कविता 1 368 Share Manu Vashistha 15 May 2023 · 1 min read एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां ✍️प्रकृति और स्त्रियां! 🌹 रोप दी जाती हैं धान सी उखाड़ दी जाती हैं, खरपतवार सी पीपल सी कहीं भी उग आती हैं... Poetry Writing Challenge 1 214 Share Manu Vashistha 15 May 2023 · 1 min read बड़े होते बच्चे कविता__ बड़े होते बच्चे घर से दूर शहर या विदेश, पढ़ने या नौकरी पर जाते बच्चे देख उन्हें खुश होती मां! पूरा परिवार, मनाए खुशियां,बांटे मिठाई अंदर अंदर कुछ खोती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 261 Share Manu Vashistha 14 May 2023 · 1 min read बेटियां! दोपहर की झपकी सी नवजीवन ___💕 बेटियां!दोपहर की झपकी सी__ बेटियां होती हैं दोपहर की झपकी सी जब भी आती है, उतार देती हैं थकान झपकी देती है नई ऊर्जा, दोपहर बाद सांझ में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 191 Share Manu Vashistha 14 May 2023 · 2 min read मां ✍️ मां! मां की कोई उम्र नहीं होती मां बस मां होती है! चिर युवा भी, चिर वृद्धा भी!! छोटी उम्र में बच्चों की देखभाल में खुद को भुला देती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 345 Share