Kapil Kumar Gurjar Poetry Writing Challenge 36 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kapil Kumar Gurjar 11 Jun 2023 · 1 min read मोक्ष और प्रेम मैंने हमेशा मोक्ष की कामना की इससे अनभिज्ञ होते हुए भी कि मोक्ष क्या होता है? लोगों से सुना था और किताबों में पढ़ा था मोक्ष का अर्थ होता है-... Poetry Writing Challenge 138 Share Kapil Kumar Gurjar 11 Jun 2023 · 1 min read तुम्हारा प्रेमी मुझे अब मोक्ष की इच्छा नही है मैं इस दुनिया में बार-बार आना चाहता हूँ तुम्हारा प्रेमी बनकर। Poetry Writing Challenge 1 118 Share Kapil Kumar Gurjar 9 Jun 2023 · 1 min read डर जंगल में पेड़ थे तो उसे डर था कहीं से आग ना भड़क उठे जंगल से पेड़ खत्म हुए तो वीरानी ने मार डाला इतना फ़र्क पड़ता है किसी के... Poetry Writing Challenge 2 316 Share Kapil Kumar Gurjar 6 Jun 2023 · 1 min read मैं पूछूँगा जब तुम किसी पुरातन दुर्ग की सीढ़ियों से उतरते हुए देखोगी पत्थर की दीवारों को टूटते हुए जब तुम किसी लौह-स्तंभ को देखोगी जंग से झड़ते हुए जब तुम पतझड़... Poetry Writing Challenge 1 197 Share Kapil Kumar Gurjar 6 Jun 2023 · 1 min read ज़मीर किसी पुल के अचानक ढहने से बाद में मरते हैं लोग उस पुल के बनने से पहले मर जाता है कई लोगों का ज़मीर अक्सर ये लोग वो होते हैं... Poetry Writing Challenge 1 243 Share Kapil Kumar Gurjar 5 Jun 2023 · 1 min read कविता की रचना कितना कुछ लिखा जा सकता था कितना कुछ बनाया जा सकता था पेंसिल और पन्ने लेकर देश के नक्शे बनाये जा सकते थे किन्तु मैंने नक्शे बनाना उचित नही समझा... Poetry Writing Challenge 1 132 Share Kapil Kumar Gurjar 5 Jun 2023 · 1 min read प्रेम के समय प्रेम के समय बहुत छोटी हो जाती है यह दुनिया तुम और मैं सिमट कर हो जाते हैं एक 'हम' विज्ञान कहता है ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है तुम्हारे... Poetry Writing Challenge 278 Share Kapil Kumar Gurjar 5 Jun 2023 · 1 min read पत्थर पर प्रेम एक दिन अल-सुबह मैंने अख़बार में पढ़ा मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिला है पत्थरों पर कुछ लिखा हुआ जो पचास सदियों बाद भी ज्यों का त्यों छपा हुआ है पत्थर... Poetry Writing Challenge 1 113 Share Kapil Kumar Gurjar 4 Jun 2023 · 1 min read प्रेम-कहानियाँ तुम्हें ऐसा क्या प्रेम-उपहार दूँ? जिसे तुम सदा-सदा रख सको अपने पास सँजोकर कभी-कभी सोचता हूँ प्रेम कविताएँ लिखकर एक पुस्तक भेंट करूँ फ़िर स्मृतियों में प्रश्न दौड़ता है कितनी... Poetry Writing Challenge 213 Share Kapil Kumar Gurjar 31 May 2023 · 1 min read मैंने सोचा मैंने सोचा चूम लूँगा तुम्हारे माथे को प्यार से तुम खड़े रहे अकड़-सी लिए देवदार से मैंने अब सोच लिया हैं ख़ुद को बदलना है अगले रविवार से। तुम भी... Poetry Writing Challenge 1 121 Share Kapil Kumar Gurjar 30 May 2023 · 1 min read शून्य से थोड़ा नीचे नापों अगर लेके प्रेम-पैमाना मिलेगा सदा प्रेम से भरपूर हृदय मेरा इसके अतिरिक्त तुम्हारे लिए ईर्ष्या का क्षेत्रफल शून्य से थोड़ा नीचे। Poetry Writing Challenge 1 210 Share Kapil Kumar Gurjar 30 May 2023 · 1 min read चर्चाओं में ही सही सड़कों पर नही तो चर्चाओं में ही सही कुछ किस्से चलते रहने चाहिए। Poetry Writing Challenge 195 Share Kapil Kumar Gurjar 30 May 2023 · 1 min read प्रेम ही सही आसमान में नही तो शहर में ही सही, कुछ तो उड़ना चाहिए चाहे तेरे-मेरे प्रेम की अफ़वाह ही क्यों नही। Poetry Writing Challenge 1 275 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read मेरी सोचो मेरी सोचो कितने दिन लगाए हिम्मत जुटाने में, तुम्हें तो बस प्रेम-प्रस्ताव पर हाँ! कहना है। Poetry Writing Challenge 240 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read डायनासोर प्रजाति की छिपकलियो! डायनासोर प्रजाति की छिपकलियो! तुमने लिखा है क्या? अपने पूर्वजों का इतिहास या बस किया उजाले के इर्द-गिर्द घूमने वाले कीट-पतंगों का भक्षण, वैज्ञानिक-शोध दे रहे तर्क-वितर्क कोई कह रहा... Poetry Writing Challenge 1 198 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read मैं चाहता हूँ मैं चाहता हूँ अपने घास फूस के कच्चे घर को तोड़कर आधुनिक शैली का भवन बनाना मिट्टी की लिपी-पुती दीवारों पर पलस्तर चढ़ाना फ़िर अचानक विचार आता है, मेरे इस... Poetry Writing Challenge 337 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read हे बुद्ध! हे बुद्ध!! "अहिंसा के प्रवर्तक" क्या तुमने कभी सोचा? यशोधरा ने लड़े मन के विरुद्ध कितने युद्ध? Poetry Writing Challenge 199 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read युद्धों की पृष्ठभूमि युद्धों की पृष्ठभूमि कौन लिखता है? हृदय पर पत्थर रखकर। Poetry Writing Challenge 192 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read सूनापन एकमात्र मैं ही नहींं हूँ, दुनिया भर की चीज़ें हैं जो झेलती हैं सूनापन— नदियों के तट पर रस्सियों से बँधी रेत में धँसी नौकाएँ जिनके मल्लाह जा चुके हैं... Poetry Writing Challenge 99 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read शान्ति-प्रस्ताव तुम्हारे, शान्ति के समस्त प्रस्ताव कहाँ, चले जाते हैं? जब शहरों पर बम बरसायें जाते हैं। स्तनपान कराती, माँओं के स्तन भाप बनकर उड़ जाते हैं, दीवारों की एकता खंडित-खंडित... Poetry Writing Challenge 95 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read प्रेम-02 प्रेमिकाएँ, बालों से ज़्यादा प्रेमी चुनने में उलझी रहती हैं— प्रेमियों के लिए कभी-कभी एक साधारण स्त्री भी सात अजूबों से ज़्यादा सुंदर हो जाती है। जिस खिड़की से उसे... Poetry Writing Challenge 115 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read प्रेम मैं, तुम्हें अपने प्रेम में नहीं बाँध सकता, तुम आज़ाद हो आज़ाद रहो; मैं नहीं चाहता हूँ तुम मेरे प्रेम के बंधन में बँधकर अपनी कल्पनाओं का विस्तार अनंत ब्रह्मांड... Poetry Writing Challenge 48 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read प्रतिज्ञा-पत्र की खोज क्या? तुमने कभी सोचा है, पिछले जन्मों में हमारे मध्य हुई प्रेम-प्रतिज्ञा की, कोई खोई हुई प्रति मिल जाएगी शायद। मिस्र के पिरामिडों के नीचे मोहनजोदड़ो-हड़प्पा सभ्यताओं में मेरियाना गर्त... Poetry Writing Challenge 165 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read अनंत प्रेम लिख सकता हूँ मैं भी तुम्हारे अंग-अंग को अन्य वस्तुओं के जैसा– कर सकता हूँ मैं भी उपमा अलंकार का अनुप्रयोग– दे सकता हूँ मैं भी तुमको नई-नई उपमाएँ– कर... Poetry Writing Challenge 103 Share Kapil Kumar Gurjar 29 May 2023 · 1 min read चारपाई तुमको याद होगा कई बरस पहले एक चारपाई बुनी थी हमने तुमने उस चारपाई में चारों पाये अपने हाथों से ठोके थे- मैं तो बस देख रहा था तुमको बार-बार... Poetry Writing Challenge 91 Share Kapil Kumar Gurjar 28 May 2023 · 1 min read एक नदी है एक नदी है मेरी आँखों के भीतर जो बहती रहती है किसी बारहमासी नदी के जैसी, तुम्हारे दिए हुए दुःखों का हिमनद पिघल रहा है धीरे-धीरे हृदय के अंदर; एक... Poetry Writing Challenge 2 1 173 Share Kapil Kumar Gurjar 26 May 2023 · 1 min read हे! प्रिय अशोक हे! प्रिय अशोक तुम्हें तो स्वर्ग मिला होगा युद्ध त्यागने से, तुम्हारी तो बातें होती होगी देवताओं से; उनसे कहो- युद्धों ने धरती को मलियामेट किया हुआ है- जब तुम... Poetry Writing Challenge 182 Share Kapil Kumar Gurjar 26 May 2023 · 1 min read यह दुनिया चाहती थी यह दुनिया चाहती थी मैं तुम्हारी दी हुई चिट्ठियों को रख दूँ किसी अजायबघर में, उसके बाद यह दुनिया उस अजायबघर में जाएँ और उन चिट्ठियों को पढ़कर प्रेम का... Poetry Writing Challenge 2 247 Share Kapil Kumar Gurjar 23 May 2023 · 1 min read मैं और हवा मैं कितना आलसी हो गया हूँ चाह रहा हूँ आले में रखी हुई डिबिया को बुझा दे हवा का एक झोंका और हवा तो मुझसे भी ज्यादा आलसी हो गई... Poetry Writing Challenge 1 2 146 Share Kapil Kumar Gurjar 23 May 2023 · 1 min read प्रेम का अधिग्रहण किसी प्राधिकरण की तरह तुम भी प्रेम के पक्के दस्तावेज लेकर मेरे प्रेम का अधिग्रहण कर लो, अन्यथा ऐसा ना हो इसको अनाधिकृत घोषित करके गिरा दिया जाए। Poetry Writing Challenge 236 Share Kapil Kumar Gurjar 23 May 2023 · 1 min read उसके बिछड़ जाने के बाद उसके बिछड़ जाने के बाद मुझे एहसास हुआ पाइथागोरस ने सही कहा था- ''एक ही समय पर जीवन के कई रास्तों पर चलना मुश्किल है" मैं उसके लिए प्रेम पर... Poetry Writing Challenge 85 Share Kapil Kumar Gurjar 20 May 2023 · 1 min read प्रेयसी! मेरा हाथ पकड़ो साँझ को दिन से उबने दो थोड़ा-सा सूरज को डूबने दो मल्लाहें थक कर तटों पर नाव बाँध चले समुद्र के किनारे-किनारे दोनों नंगे पाँव चले जुगनूओं की बारात खेतों... Poetry Writing Challenge 1 2 223 Share Kapil Kumar Gurjar 19 May 2023 · 1 min read युद्ध या शान्ति कुछ लोग युद्ध को खेल समझते हैं और मनुष्यों को खेल का समान एक के मरने के बाद दूसरा आ जाता हैं मरने के लिए इतिहास में नाम दर्ज कराने,... Poetry Writing Challenge 138 Share Kapil Kumar Gurjar 17 May 2023 · 1 min read रात और मेरा सूनापन रात सोने के लिए थी सूरज भी रात के टीले पर गहन निद्रा में सो गया था, पक्षी, मीलों का सफ़र तय करके अपने-अपने नीड़ों में लौट गए थे, प्रेमी-प्रेमिका... Poetry Writing Challenge 324 Share Kapil Kumar Gurjar 17 May 2023 · 1 min read भूखे पेट भूखे पेट कितना आसान हो जाता है? पत्थर तोड़ना भूखे पेट कितना आसान हो जाता है? मिट्टी रौंदना भूखे पेट कितना आसान हो जाता है? बोझा ढोना भूखे पेट कितना... Poetry Writing Challenge 203 Share Kapil Kumar Gurjar 16 May 2023 · 1 min read जंगल जब जंगल विरोध करें कुल्हाड़ियों का एक तिल्ली लेकर उसमें डाल दो, चंद मिनटों बाद देखोंगे उसी हरे-भरे जंगल को स्याह होते। Poetry Writing Challenge · कविता 311 Share