भवभयहारिणी
श्वेतवसन शुचिधारिणी,पावन सत्त्वस्वरूप। भवभयहारिणि अम्बिका, अतुल प्रदीप्त अनूप।। अक्ष कमण्डल धारिणी,निर्मल मानस भाव। तपःतेज ब्रह्माण्ड में,तीनों लोक प्रभाव।। विश्वनाथ की कामना, उमा अपर्णा नाम। जगदम्बा भवव्यापिनी, शुभमय पूरणकाम।। महिमा वेद...
Poetry Writing Challenge · दोहा