AJAY PRASAD Poetry Writing Challenge 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid AJAY PRASAD 27 May 2023 · 2 min read दायरे से बाहर खुद से ही आज खुद लड़ रहा आदमी अपनी ही जात से डर रहा आदमी दौड़ते भागते सोते औ जागते सपनो के ढेर पर सड़ रहा आदमी । इस कदर... Poetry Writing Challenge 2 84 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर जल रहा है वतन ,आप गज़ल कह रहे हैं सदमे में है ज़ेहन ,आप गज़ल कह रहे हैं । कुछ तो शर्म करें अपनी बेबसी पे आप जख्मी है बदन... Poetry Writing Challenge 2 225 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर हक़ औ हिसाब मांगा तो बुरा मान गए काँटों से गुलाब मांगा तो बुरा मान गए । वर्षो तलक जिनको रक्खा गया गुमनाम जब उसने खिताब मांगा तो बुरा मान... Poetry Writing Challenge 2 164 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर 1. शायरों की महबूबा है गज़ल आशिकों की दिलरुबा है गज़ल । अब क्या कहें कि क्या है गज़ल बेजुबां शायरी की सदा है गज़ल । मीर,मोमिन,दाग,गालिब ही नहीं कैफ़ि,दुष्यंत... Poetry Writing Challenge 1 148 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर न गीता,न बाईबल न कुरान की बात मैं तो करता हूँ भले इन्सान की बात । न पूजा,न नमाज,न अज़ान की बात मैं कहता हूँ बेहतर इमकान की बात। न... Poetry Writing Challenge 2 191 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर हैं तबाही के तलातुम और मैं है वही संगदील सनम और मैं। वही दीवारें हैं दरमियां हमारे वही फ़ासले वही वहम और मैं। वही सरगोशीयाँ हैं वही लोग वही जमाने... Poetry Writing Challenge 2 106 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर मौत भी मय्यसर है उस को जो ज़िंदा है ज़िंदगी के लिए जद्दो-जहद भी धंधा है । ज़िस्म को तो जकड़ रक्खा है ज़रूरतों ने मन भटक रहा यूँ जैसे... Poetry Writing Challenge 2 77 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर साहिल पे बैठ के समंदर देख रहा हूँ है कितना लाचार धुरंधर देख रहा हूँ। बेजान नज़ारे कश्तियाँ,और किनारे बाहर नहीं खुद के अंदर देख रहा हूँ । लहरें लौट... Poetry Writing Challenge 2 74 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर जब होनी ही नहीं कबूल तो दुआ क्या करूँ हो गए हैं मेरे खिलाफ अब खुदा क्या करूँ। खुशियों ने करी है खूबसूरत साज़िश दोस्तों कर दिया गमों को मुझ... Poetry Writing Challenge 2 199 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर यूँ खयाली पुलाओ पका रहा हूँ मैं उम्मीदों के अलाव जला रहा हूँ मैं । देके तकलीफ़ों को तसल्ली दिल से बेवकूफ खुद को ही बना रहा हूँ मैं। अब... Poetry Writing Challenge 2 175 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर बाल की खाल अब निकाले जा रहे हैं खामिया एक दूजे के खँगाले जा रहे हैं। आखिर चैनेल को चलाना भी ज़रूरी है हर रोज़ नये नये मुद्दे उछाले जा... Poetry Writing Challenge 1 153 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर चांद मुझ पर झल्ला गया साथ छतपे मैं जो आ गया। ज़रासी ज़ुल्फें क्या सहेज दी बादलों को गुस्सा आ गया । शाम तो मुँह फुलाकर बैठी है उनसे मिल... Poetry Writing Challenge 2 195 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर खाक़ से पूछा है खाक़सार का पता क्या कहूँ मैं ए दिल अब तू ही बता । **** बड़े खुश हो अपनी खुद्दारी पे बन के जमूरा मन के मदारी... Poetry Writing Challenge 2 273 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर बेहद सकून था तेरे दीदार से पहले जिन्दगी खुशगवार थी प्यार से पहले। थी बेताबी,बेचैनी न कोई हसरत न थे यारों इतने बेक़रार से पहले । नींद,थी ख्वाब थे,थी तन्हाइयां... Poetry Writing Challenge 2 207 Share AJAY PRASAD 27 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर भूत,भविष्य औ वर्तमान के लिए रोटी कपड़ा और मकान के लिए । अपने दीन,धर्मऔ इमान के लिए बेहतर एक हिन्दूस्तान के लिए । क्यों न मिलजुलकर रहें हम सब गीता,बाईबल... Poetry Writing Challenge 1 311 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर निखरने लगा हूँ मैं उनसे नजरें मिला कर करता हूँ बातें अब तो सबसे मुस्कुरा कर। हो गया यकीन उस वक़्त खुदा पे मुझको जब किया इकरार उसने आँखें झुका... Poetry Writing Challenge 1 346 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर छीन के काँटो से गुलाब लाया हूँ हुस्न का तेरे मैं जवाब लाया हूँ । देखो कहीं दरक न जाए आइना बला की तुझपे मैं शबाब लाया हूँ। भरेंगे चांद... Poetry Writing Challenge 1 200 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर आइना मुझको मेरी औकात बताता है कुछ इस तरह से हर रोज़ सताता है । जब कभी भी सामने गया हूँ मैं उसके उम्र ढल जाने का एहसास कराता है... Poetry Writing Challenge 1 60 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर सुनी सुनाई बातों पर ध्यान मत देना जहालत में पड़के कभी जान मत देना लोग भूल जाते हैं इस्तेमाल करके यहाँ औरों के तलवारों को मयान मत देना। लाख बुरी... Poetry Writing Challenge 1 106 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर हाँ,बिक्रम भी मैं औ बैताल भी मैं हूँ तेरे हर जवाब का सवाल भी मैं हूँ । इतना हैरान क्यों हो मेरी फितरत पे यारों उस क़ुदरत का कमाल भी... Poetry Writing Challenge 1 34 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर वो है ताबूत में आखिरी कील की तरह झपट लेता है हर मौका चील की तरह। गल्तियां करके भी मानते हैं कहाँ हुजूर देने लगतें है सफाई वकील की तरह... Poetry Writing Challenge 1 106 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें संग्रह) बचकानी बातों से बचना चाहिए फ्री की सौगातों से बचना चाहिए । जिस से मिलकर लगे खुद को बुरा ऐसे मुलाकातों से बचना चाहिए । लाख शिकायतें रहे अपने लोगों... Poetry Writing Challenge 1 53 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़ल संग्रह) जीत कर भी आजकल मुझे हार लगता है सुना सुना सा ये भरापुरा संसार लगता है। इस कदर तन्हाइयां कर रही तीमारदारी खाली ये कमरा ही अब परिवार लगता है... Poetry Writing Challenge 1 120 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़ल संग्रह) इस दौर का दीवान लिख रहा हूँ मैं हक़ीक़त-ए-जहान लिख रहा हूँ मैं। हुस्नोईश्क़ पर लिखनेवाले हैं बहुत बेबसों की दास्तान लिख रहा हूँ मैं। गुजर जाऊँ गुमनाम कोई गम... Poetry Writing Challenge 1 103 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़ल संग्रह) ज़्ख्मों को कुरेदने का हुनर जो है दुशमनी निभाने में बेहतर वो है । दे रक्खा जिसने दिल किराये पर यारों इश्क़ में बेहद मोतबर वो है। जब कर लिया... Poetry Writing Challenge 1 84 Share AJAY PRASAD 26 May 2023 · 1 min read दायरे से बाहर (आज़ाद गज़ल संग्रह) दायरे से बाहर ( आज़ाद गज़लें ) खतरे में तो अब हर समाचार है हरेक शख्स आजकल पत्रकार है । मोबाईल और ये सोशल मिडिया बन गया एक भयंकर हथियार... Poetry Writing Challenge 1 65 Share AJAY PRASAD 14 May 2023 · 16 min read दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें) रेत की तरहा ये फ़िसल रही है ज़िंदगी हाथों से निकल रही है । -अजय प्रसाद धूप जब बर्फ़ सी पिघल जाती है मजदूरों के पसीने में उतर आती है।... Poetry Writing Challenge 2 3 121 Share