सागर से गहरा प्यार तुम्हारा
सागर से गहरा प्यार तुम्हारा --------------------------------- सागर की गहराई सा से प्यार तुम्हारा, जिसका कोई पैमाना नहीं, जग सारा हारा अमूल्य है पापा तुम्हारी चाहत, जो बच्चों पर हेबलिहारी! हमारे...
“पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता