Smriti Singh “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Smriti Singh 16 May 2021 · 1 min read उम्मीद की बरसात दरार पड़े मैदान, सख्त -खुरदुरे चट्टान वो सुखा हुआ आदमी घूरता है आसमान बादल, बूंद, बरसात से कोस दूर पड़ा रेगिस्तान सावन में लहरा कर बारिस, भादव में रिमझिम -रिमझिम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 7 359 Share