Roshni Sharma “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Roshni Sharma 27 May 2021 · 1 min read यह बरखा और याद तुम्हारी(बरसात) दूर दिशा कजरारे बदरा मन का चैन चुराए दामिनी दमक रही घन माही हिय में शूल चुभाए तुम याद बहुत आए तन मन भिगो रही जलधारा शीतल हो गया आंगन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 310 Share Roshni Sharma 25 May 2021 · 1 min read आओ न मेघा(बरसात) आओ न मेघा बरस जाओ न मेघा प्यासी धरती नेह माँगती शीतल जल बरसाओ न मेघा आओ न मेघा बरस जाओ न मेघा धरती सूखी, सूखे ताल तुम बिन कृषक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 8 608 Share Roshni Sharma 25 May 2021 · 1 min read फिर आई बरसात(बरसात) फिर मेघाच्छन्न हुआ गगन फिर टप-टप बूंदे आई धरा नटी की खातिर नभ से नव संदेशा लाई पा जिसको खिल उठी वसुंधरा धानी चूनर लहराई दिल की कली प्रस्फुटित हुई... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 582 Share Roshni Sharma 22 May 2021 · 1 min read मेघा (बरसात) घन घन मेघा बरसते मन हो गया विभोर प्रकृति नटी नाचन लगी शीतलता चहुँ ओर सर सर बहती है हवा झर झर बहता नीर मन तरंगित हो उठा विलसित हुआ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 6 392 Share Roshni Sharma 19 May 2021 · 1 min read बारिश की बूंदे (बरसात) रिमझिम फुहार पड़ी बूंदों की लगी झड़ी नयन हुए रतनारे गालों पर लाली चढ़ी। वृक्षों के पात फूल बरखा में नहाए हैं मानों सजधज के मिलने को आए है फूलों... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 5 447 Share