अरशद रसूल बदायूंनी “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid अरशद रसूल बदायूंनी 20 May 2021 · 1 min read अंदर की बारिश मैंने बहुत इल्तिजा की, अब तो बरस जा सावन। भिगो दे मेरे तन को, प्यासे, तड़पते मन को। वह मेरी बात मान चुका था , दिल का हाल जान चुका... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 428 Share