Vijay Jangid "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijay Jangid 5 Nov 2018 · 1 min read नही कन्या भ्रूण गिराउंगी नही कन्या भ्रूण गिराउंगी , मेरे अनगढ़ सपनो को माँ ,तुमने ही आकार दिया। जन्मा मुझे कोख से अपनी, अतुल्य ये उपकार किया। देख रही थी गर्भ से मैंभी ,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 25 647 Share