Kapil jain "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kapil jain 21 Nov 2018 · 1 min read माँ एक मुट्ठी तुम्हारी सौम्यता एक चुटकी मुझ सा गुस्सा भी थोड़ी सी मेरी खीझ थोड़ी अपरिपक्वता कुछ कतरे तुम्हारे धैर्य के थोड़ी मुझ सी बेसब्री चंद छींटे तुम्हारा इश्क़ कुछ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 27 766 Share