Bundeli Doha-Anmane
बुंदेली दोहे- अनमने (उदास )*
1
#राना रत जौ अनमने , कितउँ आत ना जात |
कौनउँ नौनों काम भी , उनखौं नँईं पुसात ||
2
सब पाकैं भी अनमने, जौ मुख खौं लटकात |
#राना उनकी सब कथा , भिनकी-भिनकी रात ||
3
राम कथा में अनमने , राना जिनकै भाव |
उनकै जीवन में सदा , औंदै परतइ दाव ||
***
✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़*
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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