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31 Dec 2021 · 1 min read

Bachpan

jhoot bolte they phir bhi, wade k pakke the hum.
bhuli bisrhi yaadon ki baat hai, jub bacche the hum.
woh bachpan ki mitti ka khilona,
woh bachpan ki maa ki aachal ka bichona..
yeh un dinon ki baat hai jub bacche the hum..
woh bachpan ki meethi neend ab to ud si gayee hai,
rupyee kamane ki dhun me kho si gayee hai…
kya waqt tha woh jub sub soye
aur alag sa savera aagya..
khelne kudne wali umar bit,
bhagti bhagati jindgi wali umar aagyaa…
chalo aaj dubara us…. bachan ko jeene ki kosish karte hai..
badi muddat ho gai… aaj bewajah uhi hansh kar dekhte hai…
sukun ki baat mt kar aaye dost,
sukun ki baat mt kar aaye dost…
woh bachwan wala itwaar ab nahi aataa..
woh kagaj ki kashti.. wo barsish ka pani…
wo din ka chamakna… woh raatain suhani…
koi mujhko lauta de woh bachpan ka sawan
kya din the woh jaise ganga pawan pawan…
zindgi phir kabhi na muskurai bachpan ki tarah…
phisal gya woh waqt uhi reet ki tarah…
bachpan ki zid ab wo , samjhawta me badal gai…
bachpan ki din ab kisi anjan uma,r par aakar thahar gayee..
bachpan ki mehekti subah… raat ki dhundh me jaise pighal gaye..
na jane woh yaara bachpan ab kahan gayee..
woh yara bachpan pata nahi kahan gyeee…
-VISHU…

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Language: Hindi
239 Views
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