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14 Sep 2017 · 1 min read

____ * स्वावलंबन * _____

किसी की भी चाहत अधिक न करो।
अपने रास्ते खुद तय करो।।
इस संसार की यही रीत है।
कोई किसी का नहीं इस जहाँ में।।
इसलिए जहाँ तक हो सके
खुद अपने लिए जियो और मरो।।

—- रंजना माथुर दिनांक 13 /12/2016
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
634 Views
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