__7_भूल जाओ
थक चुका हूं सुनते-सुनते ख़्वाब टूटे बुनते-बुनते,
तूफानों से लड़ते-लड़ते तिनके सारे चुनते-चुनते,
ऐ लम्हों कुछ ठहर जाओ,
अब ना यूं मुझको सताओ,
भूल जाओ।।
मीत को प्रीत अब रीति लगे हार मेरी जीत लगे,
घुट-घुट कर जीता हूं मैं जीवन मेरा संगीत लगे,
ऐ गीत मेरे कहीं लुप्त हो जाओ,
अब न कुछ स्मृति कराओ,
भूल जाओ।।
जाना दोस्तों की कमी नहीं है अब इस ज़माने में,
समय व्यर्थ मत करो हमें फसाने में आजमाने में,
अच्छा है एक नया संबंध बनाओ,
अब न यूं मुझको रुलाओ,
भूल जाओ।।