_10_क्या सच है?क्या धोखा?
जन मानस है पल- पल रोता,
गरीब चैन की नींद में सोता ,
अनपढ़ चोर यहां कुछ नेता,
सबकुछ लेकर कुछ ना देता,
भरा हुआ या खाली खोखा,
क्या सच है? क्या धोखा?
रेत में बरसता सावन पानी,
बेटी बनी अब मां की नानी,
देश बचाने की चोरों ने ठानी,
बूढ़ों को चढ़ती प्रखर जवानी,
भरा हुआ या खाली खोखा,
क्या सच है? क्या धोखा?
पतझड़ में जो खिलते फूल,
पत्थर में जब उड़ती धूल,
समता राह में बिखरे शूल ,
प्रेम बसे ना मानव मूल ,
भरा हुआ या खाली खोखा,
क्या सच है? क्या धोखा?