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19 Dec 2022 · 1 min read

सँभल रहा हूँ

इश्क़-ए-इबादत करते – करते चल रहा हूँ मैं

दिल के दर्द से धीरे – धीरे अब सँभल रहा हूँ मैं

ऐ हवा सुन जरा जाकर कह दे उस बेवफा से

यक़ीनन यक़ी है मुझे अब बदल रहा हूँ मैं

© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)

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