“पं बृजेश कुमार नायक” एक भारतीय हिदी कवि हैं। “क्रौंच सु ऋषि आलोक” आपका श्रेष्ठ शोधपरक ग्रंथ/आध्यात्मिक काव्य संग्रह है। उक्त कृति की रचना “प्रभु श्री राम का चेतनालोक” आपकी श्रेष्ठ आध्यात्मिक रचना है। हिंदी विषय के साथ एम ए की उपाधि धारण करने वाले कवि पं बृजेश नायक की अब तक चार चर्चित कृतियाॅं,जागा हिंदुस्तान चाहिए, क्रौंच सु ऋषि आलोक,पं बृजेश कुमार की चुनिंदा रचनाएं व नायक जी के मुक्तक प्रकाशित हैं और अमेज़न- फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं।
विद्यासागर, विद्यावाचस्पति और साहित्यभूषण सहित अब तक 16 से अधिक उपाधियों/ सारस्वत सम्मानों/सम्मानों से अलंकृत कवि पं बृजेश कुमार नायक “आर्ट ऑफ लिविंग” के संस्थापक और विश्व प्रसिद्ध योगी सद्गुरु श्री श्री रविशंकर जी के शिष्य हैं।आपका जन्म 08 मई 1961 को ग्राम कैथेरी, तहसील उरई, जिला जालौन,उ प्र, के मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में श्री रामस्वरूप और स्वर्गीय श्री मती मूर्ति के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था। आपके दो पुत्र पवन कुमार नायक,कमांडर इण्डियन नेवी और रवि प्रकाश नायक एम काम,बी एड हैं।कवि पं बृजेश कुमार नायक का पाणिग्रहण संस्कार कोंच, जिला जालौन,उ प्र, के निवासी स्वर्गीय श्री सरजू प्रसाद दीक्षित, लोकतंत्र रक्षक सैनानी और श्रीमती राममूर्ति की इकलौती पुत्री/संतान शिवकुमारी के साथ,उक्त सरजू प्रसाद दीक्षित लोकतंत्र रक्षक सैनानी की जन्मभूमि ग्राम कनासी,तहसील कोंच,ज़िला जालौन,उत्तर प्रदेश से 1981 में हुआ था।आपका बाल्यकाल जन्मभूमि ग्राम कैथेरी में बीता, विवाह के बाद ससुराल कोंच के निवासी बने, बाद में ज्येष्ठ पुत्र पवन कुमार नायक ,कमांडर इन्डियन नेवी के विला D75,सनफ्रान अशोक सिटी झांसी को साहित्य साधना-स्थली बनाया।कुछ समय के बाद आपने झांसी,उ प्र,में एक मकान /विला संख्या G122, सनफ्रान अशोक वैली”, मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास,को क्रय किया ।पजेशन मिलने के बाद,उक्त मकान/विला G122, सनफ्रान अशोक वैली, झांसी,उ प्र,मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास, को “कवि-धाम/कवि-कार्यालय” के रूप में उपयोग करना प्रारम्भ किया।
संपर्क सूत्र
कवि-धाम
G 122,
सनफ्रान अशोक वैली,
झांसी, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष,
पिनकोड- 284128
“मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास”
🧶विस्तृत परिचय हेतु निम्न लिंक को छुएं👇
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