99 प्रतिशत का नियम – आनंदश्री
99 प्रतिशत का नियम – आनंदश्री
ईश्वर ने हमे 100 प्रतिशत बनाकर इस पृथ्वी पर भेजा है। यह तो हमारा मन है जो हमे कम ज्यादा बना देता है।
इस इंसान रोज पत्थर पर वार करता। उस बड़े पत्थर पर कोई असर न होता। लेकिन वह इंसान वार करता रहा। अचानक एक दिन 99 वार के बाद वह पत्थर टूट गया। उस इंसान का विश्वास कहो, लगातार मेहनत कहो या अटलता से वह टूटा। लेकिन वह पत्थर टूटा।
कोरोना का काल है। तीसरी लहर दस्तक दे रही है। हम सब कोरोना रूपी पत्थर पर वार पर वार कर रहे है। एक दिन यह कोरोना टूटेगा। हमे वार पर वार करना है।
– सिर्फ टैलेंट नही, बल्कि निरंतरता सफलता की कुंजी है।
आप जो हो वह आपने निरंतर सोच सोच के , कर कर के अपने आपको बनाया। आपने जो निरंतर किया और आप बन गए ।
” याद रखे कम टैलेंट वाला इंसान अपने निरंतर प्रयास की आदत से अधिक टैलेंट वाले को हरा सकता है।”
– पांच साल तक कोई रिजल्ट नही
प्रकृति में एक बांस की प्रजाति पाई जाती है जो बीज बोने के बाद, 5 साल तक कोई भी अंकुर नही दिखाई देता। लेकिन अचानक पांच साल बाद मात्र छः माह में वह बांस या बम्बू 100 फ़ीट का हो जाता है।
प्रयास करते रहे। अपने सपने लक्ष्य को खाद पानी, धूप छांव देते रहे।
आज दर्द है, लेकिन रुकना नही
क्योंकि दर्द कल भी आएगा
तैयारी कर, मोर्चा बांध
क्योंकि दर्द कल भी आएगा
यह बस्ती है, हस्तियों की
क्यो अपने आप को छोटा मानता है
दर्द कल भी था, आज भी है
तैयारी कर , जीत का ढोल बजा
दर्द में भी मुस्कुरा, नया इरादा बना, तू मुस्कुरा….
– 99 डिग्री के बाद आश्चर्य होता है
पानी को उबालो तो 99 प्रतिशत पानी पानी रहता है। फिर 100 डिग्री में वही पानी भांप बन जाता है। आसमान मैं उड़ने लगता है। द्रव से वेपर बन जाता है।
इंसान भी ऐसा ही है। लगातार कोशिश, प्रयास, निरंतरता से एक साधारण इंसान असाधारण बन जाता है। वह भी नही जानता उसका प्रभाव कंहा तक जाएगा।
यह समय निरंतर प्रयास का है। क्योंकि निरंतरता ही सफलता की कुंजी है।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं मइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8007179747