900 आजा सब छोड़ कर
बसा ली उन्होंने नई दुनिया, हमें छोड़ कर।
क्या मिला उन्हें ,इस तरह दिल मेरा तोड़ कर।
उनके लिए पास आ गए थे हम सब कुछ छोड़ कर।
एक पल भी ना सोचा उन्होंने ,चले गए दिल तोड़ कर।
सांझ होती नहीं ,रात कटती नहीं,चाँद भी चला गया छोड़कर।
सूरत तेरी देखने को तरस गए हैं ,आजा सब छोड़ कर।
तमन्ना थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की,
ना मालूम था रास्ते बदल जाएंगे अगले मोड़ पर।
देख आगे कोई नया मोड़ तुझे मिल जाए,
जो ले आए तुझे मेरी तरफ उस राह से मोड़कर।