Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

9- सीमा के प्रहरी

सीमा के प्रहरी

सीमा पर वीरों की टोली उद्यत खाने को गोली ।

वे सदा सजग ही रहते हैं गर्मी-सर्दी सब सहते हैं ।

टैम्प्रेचर जब माइनस में हो ड्यूटी से अपनी विमुख न हों।

चाहे बालू हो चाहे हो बीहड़ चाहे पानी हो या हो कीचड़ ।

वे सीमा के सच्चे प्रहरी हैं और राष्ट्र के असली शहरी हैं।

उनकी सेवा अनमोल सदा वे कभी न होंगे दिल से जुदा ।

वे देश की रक्षा करते हैं शत्रु सम्मुख नहीं थकते हैं।

वे परिवार मोह का त्याग करें बस देश-धर्म से प्यार करें।

सच्ची सेवा सच्ची निष्ठा जीवन का उद्देश्य यही ।

सीने पर गोली खाते हैं पीछे हटते हैं कभी नहीं ।

वीरों का जज़्बा देख-देख हम गर्व सदा ही करते हैं।

जो प्राण निछावर करते हैं हम उन सबके आभारी हैं।

हम उनका कर्ज़ न चुका सकें ये हम सबकी लाचारी है।

“दयानंद”

Language: Hindi
119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िन्दगी मत रुला हम चले जाएंगे
ज़िन्दगी मत रुला हम चले जाएंगे
अंसार एटवी
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
"यादों में"
Dr. Kishan tandon kranti
********* प्रेम मुक्तक *********
********* प्रेम मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
🙅ताज़ा सलाह🙅
🙅ताज़ा सलाह🙅
*प्रणय*
The Sound of Birds and Nothing Else
The Sound of Birds and Nothing Else
R. H. SRIDEVI
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
रिश्तों की आड़ में
रिश्तों की आड़ में
Chitra Bisht
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
दुखड़े   छुपाकर  आ  गया।
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
زندگی کب
زندگی کب
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी...
ज़िंदगी...
Srishty Bansal
Thunderbolt
Thunderbolt
Pooja Singh
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
উত্তর দাও পাহাড়
উত্তর দাও পাহাড়
Arghyadeep Chakraborty
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
gurudeenverma198
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
DrLakshman Jha Parimal
4011.💐 *पूर्णिका* 💐
4011.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
हिंदी दोहे -कदंब
हिंदी दोहे -कदंब
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शेयर बाजार वाला प्यार
शेयर बाजार वाला प्यार
विकास शुक्ल
ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
Aruna Dogra Sharma
"वह मृदुल स्वप्न"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...