Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2022 · 9 min read

*9फिल्म – पिया के मेंहदी

*9फिल्म – पिया के मेंहदी। 9515651283
स्क्रिप्ट रौशन राय का। 7859042461
तारीख – 18 -06 -2022

लंगुरिया का आदमी जंगल में आंतक मचाने लगा जगंल के पेड़ को मनमानी रुप से काटकर एक्सपोर्ट करता.. जंगल धीरे धीरे मिटने लगा था जंगल के जानवर को रहने में दिक्कत होता तो वो गांव और कस्बों में पहुंच कर मानव समाज को नुक्सान पहुंचाने लगा

और उस जंगल के लिए जो भी आॅफिसर आता था तो लंगुरिया पैसे देकर उसे अपने ओर कर लेता और या नहीं तो उस आॅफिसर को बेरहमी से मारकर उसी जंगल में जानवर के हवाले कर देता जिससे उस जंगल का जानवर धीरे धीरे आदमखोर हों गया और राह चलते मुसाफिर को अपना शिकार बनाने लगा

दिन पर दिन लंगुरिया मजबूत होते गया और सरकार कमजोर

लंगुरिया सलीम खान हीरो को बहुत तकलीफ़े दें रहा था अब तो सलीम का बड़ा बड़ा बाल ढ़ाढ़ी हों गया न भर पेट भोजन ना पुरा प्यास बुझाने की पानी देता पर सलीम अपने जरीना के लिए जी रहा था

जरीना के आंखों का समुंदर सुख चुका था अब वो भी शायद ये समझने लगी कि मेरा सलीम अब आने वाला नहीं है इसलिए वो अपने आप को फिर से जीने कि कोशिश करने लगी क्योंकि उसके घर वाले उसे अब समझा समझा कर थक चुके थे एक ननद फ़िरदौस थी वो भी अपने ससुराल चली गई जेठानी नुरी अपने बच्चे में व्यस्त रहती थी सास ससुर का ध्यान भी तो जरीना को रखना था इसलिए अब हर तरह के समस्या को अब खुद ही निपटाने लगी

एक दिन फ़िरदौस के ससुराल वाले ने एक प्लान बनाया कि फ़िरदौस के मैके से पैसा ऐठा जाएं इस प्लान में इमरान हाशमी भी शामिल था

इमरान हाशमी ने कहा मां मैं अपने बीवी से कहूंगा कि मैं एक फैक्टरी डाल रहा हूं और उसमें कुछ पैसे कम पर रहा है तुम अपने मैके से कहो देने के लिए और जैसे ही फैक्टरी का काम चालू होगा वैसे ही उन्हें वापस कर देंगे

इमरान कि मां – अरे विवाह के समय हम सब तों यही बात भी कही थी

लतीफ़ हाशमी – हां फिर तो पैसा जरुर मिल जाएगा

जब फ़िरदौस के पति और सास ससुर ये प्लान बना रहा था

उस समय फ़िरदौस सबके लिए खाना बना रही थी और इमरान हाशमी ने अपने चेहरे का रंग बदल कर जैसे बहुत परेशान हों और फ़िरदौस के बगल में मुंह लटका के खड़ा हो गया

फ़िरदौस ने इमरान के ओर देखा तों उसे लगा कि मेरा शौहर कुछ परेशान हैं तों उसने पुछी क्या बात है इस खिलते हुए चेहरे पर आज चिंता क्यों झलक रही है क्या बात है आप मुझे बताइए

इमरान हाशमी – कुछ नहीं फ़िरदौस वैसे ही कुछ टेंशन है

फ़िरदौस – क्या बात है आप मुझे बताइए हो सकता है मैं आपका मदद कर दूं

इमरान – नहीं नहीं सब टेंशन पत्नी को थोड़े ही कहा जाता है

फ़िरदौस – अपने आंचल से इमरान का मुंह पोछते हुए बोली जनाव पत्नी ही वो चीज है जो पति कुछ नही छुपा पाते हैं

इमरान हाशमी – हां फ़िरदौस तुम ठीक कह रही हों फिर भी

फ़िरदौस – फिर फिर भी क्यों

इमरान हाशमी – अच्छा बताओ कि क्या बना रही हों

फ़िरदौस – क्या बना दूं लेकिन मुझे वो बात बताइए जो मेरे शौहर को परेशान कर रखा है

इमरान हाशमी – अच्छा तुम जों बनाती हों बनाओ मैं कही बाहर व्यवस्था करता हूं ये जानबूझकर बोलकर बाहर निकल आया

फ़िरदौस – सोचने लगी कि क्या व्यवस्था बाहर करेंगे हों न हो किसी काम के लिए पैसे का व्यवस्था तों नहीं करना है

इमरान – पुरे दिन भर घर पर नहीं आया खाना का समय बीत गया फिर भी इमरान नहीं आया

फ़िरदौस ने अपने सास से पुछी अम्मी जान क्या आपको पता है कि अपका बेटा कहां है

फ़िरदौस कि सास – हां बहूं मुझे पता है मेरा बेटा कहां है क्या कहूं बेटी अभी तेरा पति कितना परेशान हैं

फ़िरदौस – कहा है और क्यों परेशान हैं वो आप हमें साफ़ साफ़ बताइए

फ़िरदौस कि सास – बहूं इमरान चाह रहा है कि हैं कि एक फैक्टरी डालने के लिए जिसमें कुछ पैसे कि कमी पर रहा है

फ़िरदौस – ये तों बढ़िया बात है लेकिन पैसे कितना कम पर रहा है

फ़िरदौस कि सास – छोड़ बेटी हम तुम औरतें हैं हम तुम कर भी क्या सकते हैं

फ़िरदौस – अम्मी आप मुझे बताइए न कि कितने पैसे कि कमी पर रहा है फैक्टरी डालने में एक हिसाब से फ़िरदौस ने अपने सास से ज़िद करके

सास – बहूं जब तुम इतनी जिद कर रही है तो सुनो इमरान को फैक्टरी डालने में पांच लाख का कमी पर रहा है

फ़िरदौस – बस इतनी सी बात के लिए आप सब को किसी तरह कि चिंता करने कि कोई आवश्यकता नहीं है मैं अपने गहने बेचकर अपने काम को पूरा करेंगे

सास – नहीं बहूं हम ऐसा नही कर सकते लोग क्या कहेंगे कि इतनी गरीबी आ गई कि अपने बहूं कि गहने जेवर बेचने लगे

फ़िरदौस – मां ये काम मेरा है और लोग से हमें क्या मतलब जो लोग समझदार होंगे वो हमारे परिवार का तारीफ करेंगे जो समझदार नहीं होगा वो बुराई करेंगे हमें दुनिया कि किसी भी बात पर नहीं जाना है बस अपने काम पर ध्यान देना है और हां रही बात दुनिया की जानने कि जब तक घर के लोग बाहर नहीं बोलेंगे तब तक कोई कैसे जानेगा रही बात मेरी तो मैं अपने मैके में भी नहीं बताउंगी अब मेरा मैके मेरा घर नहीं ये मेरा घर है और मैं अपने घर कि तरक्की के लिए ये गहने क्या अगर मुझे और भी कुछ करना पड़ेगा तो मैं जरूर करुंगी आप सब निश्चिन्त रहिए

सास बेचारी चुप चाप सुनती रही

शाम हो गया सब लोग खाना कर अपने अपने बिस्तर पर गया तब इमरान आया मुंह लटका कर जैसे कोई बड़ा पेड़ उखाड़ कर आया हो

फ़िरदौस इमरान कि रस्ता देख रही थी अपने पति को देख फ़िरदौस की चेहरा खिल उठा और वो तुरंत उसको पानी दी और उनसे चिपक कर बैठ कर बोली आज आप कहा चलें गए थे क्या आपको मेरी याद नही आई कि जब तक आप नहीं खाते तब तक मैं भी नही खातु मैं अम्मी से कितने बार पुछी

इमरान हाशमी – क्या तुम खाना नहीं खाई हों

फ़िरदौस – मुझे खाना खिलाने वाले जब भुखा रहेगा तो मैं कैसे खा सकती हूं उठिए हाथ मुंह धोकर लिजिए मुझे बहुत जोर कि भुख लगी है आज आपके साथ ही खाना खाएंगे

इमरान हाशमी – देखो फ़िरदौस तुम खाना खा लो मुझे भुख नहीं है

फ़िरदौस – ठीक है बिस्तर लगा है चलिए सोते हैं

इमरान – तुम बात समझो सच में मुझे भुख नहीं है

फ़िरदौस – आपको जिस बात कि चिंता से भुख नहीं है वो बात मैं जानती हूं आप खाना खाइए पैसे की जुगाड़ हम कर देंगे

इमरान – थोड़ा सा बातों में दम डालते हुए कहा तुम कहां से जुगाड़ लगाओगी

फ़िरदौस – आप पहले खाना तो खाइए तब हम आपको बता देंगे

इमरान – ठीक है तुम खाना लगाओ

फ़िरदौस – फटाफट खाना लगाई और फिर सारे बात खाना खाते हुए बता दी

इमरान – तुम पागल हो गई हों वो गहने तुम्हारे मैके का है उसे हम नही बेच सकते हैं हां अगर तुम कहो तो मैं तुमसे एक बात कहूं

फ़िरदौस – हां कहिए क्या कहना चाहते हैं आप

इमरान – ये बात कहते हुए मुझे थोड़ा संकोच हो रहा पर यदि तुम हमें समझ सको तो तुम्हारी बहुत बड़ी मेहरबानी होगी

फ़िरदौस – मुझे लगता है कि आपको अपने फ़िरदौस पर अभी तक भरोसा नहीं हुआ है नहीं तो हम दोनों के बीच में मेहरबानी करके कि बात क्यों आ रहा है

इमरान – नहीं नहीं फ़िरदौस बात वो नहीं है दरअसल हम ये कह रहें थे कि अगर तुम्हारे मैके से मिल जाता तो हम काम करके जैसे फैक्टरी चालू होता उसे वापस कर देते

फ़िरदौस – हां ये भी बात ठीक हैं लेकिन अभी अब्बा के पास पैसा है कि नहीं

इमरान – अच्छा चलो छोड़ दो हम कही और से व्यवस्था कर लेंगे और अपना चेहरा उदास करते हुए बिस्तर पर लेट गया

फ़िरदौस – ठीक है आप नाराज़ न हों मैं एक बार कोशिश करते हैैं और अपने पिता जैनुल खान को फोन किया और खैर खैरियत पूछी

जैनुल खान भी सब खैर खैरियत पूछा कहा बेटी तुम कैसी हो और परिवार के सब लोग ठीक है न

फ़िरदौस भी सब हाल समाचार अपने पिता जैनुल खान को बतायी और बोली अब्बा जान एक और बात कहूं

जैनुल खान – हां बोलो बेटी अपने पिता से संकोच कैसे

फ़िरदौस – अब्बा जान आपका दामाद एक फैक्टरी डाल रहा है उसमें कुछ पैसे कम पर रहा है अगर आपसे होगा तो कुछ दिन के लिए दिजिए वो कह रहे हैं कि फैक्टरी चालू होते ही आपका पैसा वापस कर दिया जाएगा

जैनुल खान – कितने पैसे कि जरुरत है

फ़िरदौस – पांच लाख का

जैनुल खान – बेटी पैसे तो सलीम कि खोज कुछ ज्यादा खर्चा हो गया पर सलीम का कोई पता नहीं चला पर तुम चिंता मत करो पैसा का व्यवस्था हों जाएगा दामाद जी से कहना फैक्टरी काम में किसी प्रकार कि कोई दिक्कत न हो
वैसे बेटी दामाद जी किस चीज का फैक्टरी डाल रहे हैं

फ़िरदौस – अब्बा जान अभी मुझे पुरा मालुम नहीं है वो आएंगे तो मैं पुछकर आपको बता दुंगी

जैनुल खान – हां ठीक है बेटी पैसे का इंतजाम दो चार दिन में हो जाएगा

फ़िरदौस – ठीक है अब्बा जान मैं अब फोन रखती हूं

जैनुल खान – हां बेटी

फ़िरदौस अपने शौहर इमरान हाशमी से मियां बीवी को कम न समझो देखो मैंने पैसे की इंतजाम कर दिया

इमरान हाशमी – क्याऽऽ सच में

फ़िरदौस – आंख बंद कर अपने सर को हां में हिलाई

इमरान हाशमी – वो मेरी जान तुम ने आज मेरा बहुत बड़ा समस्या को हल कर दिया और फ़िरदौस को बांहों में भर कर तुंरत लाइट आॅफ कर दिया

चार दिन के बाद फ़िरदौस का भाई युनूस खान पांच लाख
रुपया लेकर आया और सबसे दुआ सलाम करते फ़िरदौस के ससुर जैनुल हाशमी को को पांच लाख रुपया उनके हाथ में सबके सामने दिया अपने बहन का हाल समाचार लिया और वहां से चल दिया

दिखावे के लिए फ़िरदौस कि सास ने फ़िरदौस से कहा बेटी ये पैसे को तुम अपने पास ही रखो मांगने पर अपने शौहर या ससुर को देना

जब युनूस खान जाने लगा तो फ़िरदौस का ससुर बोला अरे बेटा अभी आये हों और अभी भी जा रहें हों एक दो दिन अपने बहन के घर भी रुक कर देखो हम सबको भी अपने खिदमत करने का मौका दो

युनूस खान कैसे बात कर रहे हैं चाचा जी मैं भला कैसे आपसे लोगों से खिदमत करा सकता हूं अगर मौका मिले तो आप मेरे यहां आइंए और अपने खिदमत का मौका हमारे परिवार को दिजिए

जैनुल हाशमी – हां बेटा जरुर एक दिन जरूर आऊंगा तुम्हारे यहां बहुत दिनों से अपने समधी से मिला भी नहीं हूं

युनूस खान – जी जरुर आइए हमें खुशी होगी अच्छा मैं चलता हूं

जैनुल खान – हां बेटा और युनुस खान वहां से निकल गया

युनुस को जाते ही फ़िरदौस कि सास बोली ये कैसा भाई है जो अपने बहन का हाल समाचार भी नहीं जाना और नहीं पुछा

फ़िरदौस – अम्मा जी आप मेरे भाई को ऐसा ना कहो वो आप सबकी इज्जत के लिए मेरा हाल समाचार नही लिया ये बात मैं ने ही अपने भैया से कहा था कि हमारे सास ससुर और शौहर के सामने मेरा हाल समाचार नही पुछना क्यों कि मेरे सास ससुर बहुत प्यार करते हैं इसलिए मैं अपने सास ससुर और शौहर कि तौहीन करना नहीं चाहती

इमरान हाशमी को इस बात से गर्व महसूस हुआ कि मेरी पत्नी यकिनन बहुत अच्छी हैं और वो बोल भी दिया कि वाह क्या बात है फ़िरदौस तुमने आज मेरा सर ऊंचा कर दिया मेरे मां बाप के सामने

इसपर इमरान की मां डांट दिया और बोली चुप कर जोरु के गुलाम पैसे मिलने के बाद जैसे फ़िरदौस सास का रंग बदल गया

फ़िरदौस – आज पहली बार ये सोच रही है कि अम्मा जी आज ऐसे क्यों बोल रही है खैर कोई बात नहीं
******

इधर लंगुरिया ने जंगल का पेड़ काटने का आतंक मचा रखा है उसे रोकने के लिए एक आॅफिसर आया और उसके लंगुरिया के आदमी को रोका पेड़ काटने से रोका

तो लंगुरिया के आदमी ने कहा आॅफिसर अगर जान प्यारी है तो यहां से चला जा वर्णा इसी गाड़ी में बांध कर तुम्हें जीन्दा जला दुंगा

आॅफिसर – अब्बे तेरे एसी तैसे और लंगुरिया के आदमी पर टुट पड़ा कुछ देर तो घमासान लड़ाई पुरा एक्शन में हुआ लेकिन आॅफिसर के सर पर पिछे एक लोहे के राड से मारा और आॅफिसर गीड़ पड़ा इतने में चार पांच गुंडा उसे पकड़ कर गाड़ी में बांध कर उसके उपर पेट्रोल डालकर जिन्दा ही जला कर मार दिया

लंगुरिया का दहसत से अब उस पोस्ट पर कोई भी आॅफिसर आने से डरता था
******

समय का रफ्तार अपने गति से चल के आठ साल के करीब पहुंच गया
जरीना कभी अपने आप को विधवा नही समझती पर अब गम को दवा कर जीएं जा रही थी

Language: Hindi
101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कमज़ोर सा एक लम्हा
कमज़ोर सा एक लम्हा
Surinder blackpen
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सांप्रदायिक उन्माद
सांप्रदायिक उन्माद
Shekhar Chandra Mitra
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#क़तआ_मुक्तक
#क़तआ_मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
मन अपने बसाओ तो
मन अपने बसाओ तो
surenderpal vaidya
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
Dr. Man Mohan Krishna
Be careful having relationships with people with no emotiona
Be careful having relationships with people with no emotiona
पूर्वार्थ
'समय की सीख'
'समय की सीख'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Neeraj Agarwal
उदात्त जीवन / MUSAFIR BAITHA
उदात्त जीवन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जंगल में सर्दी
जंगल में सर्दी
Kanchan Khanna
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
वो गली भी सूनी हों गयीं
वो गली भी सूनी हों गयीं
The_dk_poetry
जैसे आँखों को
जैसे आँखों को
Shweta Soni
यकीन
यकीन
Dr. Kishan tandon kranti
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
डॉ. दीपक मेवाती
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
Loading...