Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2017 · 1 min read

२१२२–२१२२–२१२२–२१२
आ सकते नहीं

दिल बहलता ही नहीं हम ये बता सकते नहीं
प्यार में हारे हैं दिल अपना जता सकते नहीं

ख्वाइशो के पर लगे थे आसमा को थी खबर
बंदिशे इतनी कि हद अपनी भुला सकते नहीं

मुश्किलो को रौंदकर हम यूं तो आगे चल दिये
ज़ख्म सीने में लगे तुमको दिखा सकते नहीं

उम्र का ये दौर है अब थक गये हैं हौसले
थामना था जिनको उनको तो सुना सकते नहीं

नस्ल ये कैसी बनी तोड़े हमारे सब भरम
परवरिश अपनी ही थी उँगली उठा सकते नहीं

जिस्म खाली हो गया आंसू भी खारिज कर दिये
हाल ये खुल कर भी अब हम मुस्कुरा सकते नहीं

हमसे अच्छे और हैं ये मानते हैं हम सनम
तुमसे भी अच्छे जहां में तुम मिटा सकते नहीं

सुर्ख से सपने सजाकर ज़िंदगी से जब मिले
भूल थी वो अब विवशता कुछ मिटा सकते नहीं

1 Like · 369 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
ख़ौफ़ इनसे कभी नहीं खाना ,
Dr fauzia Naseem shad
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अवधी स्वागत गीत
अवधी स्वागत गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
किसी के इश्क़ में दिल को लुटाना अच्छा नहीं होता।
किसी के इश्क़ में दिल को लुटाना अच्छा नहीं होता।
Phool gufran
नज़र
नज़र
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
"बेल की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
वक्त बुरा तो छोड़ती,
वक्त बुरा तो छोड़ती,
sushil sarna
*Dr Arun Kumar shastri*
*Dr Arun Kumar shastri*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"यक्ष प्रश्न है पूछता, धर्मराज है मौन।
*प्रणय*
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
पूर्वार्थ
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
3601.💐 *पूर्णिका* 💐
3601.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक बार जब कोई पूर्व पीढ़ी किसी देश की राजनीति,सिनेमा या किसी
एक बार जब कोई पूर्व पीढ़ी किसी देश की राजनीति,सिनेमा या किसी
Rj Anand Prajapati
अक्सर देखते हैं हम...
अक्सर देखते हैं हम...
Ajit Kumar "Karn"
"अदा"
Dr. Kishan tandon kranti
आहत बता गयी जमीर
आहत बता गयी जमीर
भरत कुमार सोलंकी
"हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा
आर.एस. 'प्रीतम'
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अंत बुराई का होता है
अंत बुराई का होता है
Sonam Puneet Dubey
ज्योत्सना
ज्योत्सना
Kavita Chouhan
*जश्न अपना और पराया*
*जश्न अपना और पराया*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
छोटे छोटे सपने
छोटे छोटे सपने
Satish Srijan
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
Loading...