864 किराएदार
हमने उनको दिल का कमरा हमेशा के लिए दिया।
क्यों वो छोड़ गए हमें, क्यों खुद को किराएदार समझ लिया।
सोचा था साथ साथ ,जीवन के रास्ते सकून से कट जाएंगे।
क्यों उन्होंने पल भर अपना समझ कर ,फिर बेगाना बना दिया।
अब जो खाली था दिल का कमरा, तो हमने भी तलाश लिया।
नये इक किराएदार को ,मैंने फिर यह कमरा चढ़ा दिया।
चल पड़े हैं सफर तमाम करने ,इनके संग जिंदगी का।
हमने तो अब कौन कितना साथ देगा ,यह सोचना ही छोड़ दिया।