771 आदमी ,आदमी को क्यूं तड़पाता है।
नहीं जानता क्यों यह आदमी ,आदमी को यूं तड़पाता है।
चाहता है उसी से प्यार, जिसको दर्द देता जाता है।
ना मिले खुद को प्यार ,तो तड़पता है मछली की तरह।
मिल जाता है जब ,तो पतंगे की तरह फड़फड़ाता आता है।
विन दिए पता नहीं क्यों चाहता है यह सब कुछ पाना।
दूसरे का गम देख भी ,इसका दिल नहीं घबराता है।
सोचता है सदा अपने ही बारे में , कि मैं पाल हूं बस।
उसी से चाहता है प्यार, जिसको दर्द देता जाता है।
771 12.35pm 18 Dec 2018