5 अगस्त एक सुनहरा दिन
5 अगस्त एक सुनहरा दिन
सालों साल जब हुआ समर अब नई फ़ैसले आऐ हैं,
खुल गयी अब सारी जंजीरें यज्ञों के दीप जलाऐ हैं ,
जन्मस्थली राम चंद्र की ,कण –कण मे राम समाऐ हैं,
राम नाम की गूंज सुनो, प्रभु धरती पे अवतरित होकर आऐ हैं
चारों तरफ सजी रांगोली, दीपों के कलश सजाऐ हैं,
पंडालों की छटा निराली, मानो जैसे दीवाली के दिए जलाऐ हैं,
हो रहे सबके हर्षित मन ,फूले नहीं समाऐ हैं ,
बाबर की बर्बरता टूटी, राम जन मानस मे छाऐ हैं,
सफल हुआ वो आज समर्पण, जिन्होंने प्राण गवाऐं हैं,
आज धरा हुई है आनंदित, उत्सव सभी मनाओ सब ,
5 अगस्त का दिन हुआ निराला ,सफल इसे बनाओ सब ,
आज जलाकर दीप घरों मे, मिलकर प्रभु का आव्हान करो,
सच्चे मन से सब हाथ जोड़कर, राम नाम गुण गान करो !!
जय श्री राम