4941.*पूर्णिका*
4941.*पूर्णिका*
🌷 बगिया महके मकसद मेरा 🌷
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बगिया महके मकसद मेरा।
चिड़िया चहके मकसद मेरा।।
साथ निभाते हरदम साथी ।
दुनिया बदले मकसद मेरा।।
नेक इरादा दिल में रखते।
खुशियाँ लहके मकसद मेरा।।
ना कोई हो मन में पीड़ा ।
मौज मनाएं मकसद मेरा।।
मंजिल दामन पकड़े खेदू।
जिंदादिल हो मकसद मेरा।।
……..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
12-11-2024मंगलवार