4921.*पूर्णिका*
4921.*पूर्णिका*
🌷 दिल से तुम्हें चाहते 🌷
2212 212
दिल से तुम्हें चाहते।
सच में तुम्हें चाहते।।
यूं नेक मंजिल यहाँ ।
देना तुम्हें चाहते।।
करना हमें प्यार तुम ।
दुनिया तुम्हें चाहते।।
हाँ तू नहीं नासमझ ।
कितना तुम्हें चाहते।।
दे ताज खेदू जहाँ।
इतना तुम्हें चाहते।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
10-11-2024रविवार