Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2024 · 1 min read

4900.*पूर्णिका*

4900.*पूर्णिका*
🌷 बरसे हरदम बादल प्यारे 🌷
22 22 22 22
बरसे हरदम बादल प्यारे।
चमके हरदम बादल प्यारे।।
साथी देकर खुशियांँ अपनी ।
हरसे हरदम बादल प्यारे।।
सूखा देखो प्यासा सागर।
तरसे हरदम बादल प्यारे।।
मौसम बदले रंग यहाँ पर ।
गरजे हरदम बादल प्यारे।।
गम भी आज नहीं है खेदू ।
सरसे हरदम बादल प्यारे।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
08-11-2024शुक्रवार

7 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं बेबस सा एक
मैं बेबस सा एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
सभी से।
सभी से।
*प्रणय*
बादलों की उदासी
बादलों की उदासी
Shweta Soni
जीवन  में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“आज की मेरी परिकल्पना”
“आज की मेरी परिकल्पना”
DrLakshman Jha Parimal
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
खंडित हो गई
खंडित हो गई
sushil sarna
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
"बयां"
Dr. Kishan tandon kranti
रात नहीं आती
रात नहीं आती
Madhuyanka Raj
खिंची लकीर
खिंची लकीर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
Ashwini sharma
दुनिया में हज़ारों हैं , इन्सान फ़रिश्तों  से  ,
दुनिया में हज़ारों हैं , इन्सान फ़रिश्तों से ,
Neelofar Khan
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
त्रासदी
त्रासदी
Shyam Sundar Subramanian
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
Dr. Man Mohan Krishna
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
पूर्वार्थ
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
कोई भी मोटिवेशनल गुरू
ruby kumari
चल मनवा चलें.....!!
चल मनवा चलें.....!!
Kanchan Khanna
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
रुचि शर्मा
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
Ravi Prakash
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
*प्रेम बूँद से जियरा भरता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...