4892.*पूर्णिका*
4892.*पूर्णिका*
🌷 तार जाते कुछ लोग यहाँ 🌷
2122 22 22
तार जाते कुछ लोग यहाँ ।
मार जाते कुछ लोग यहाँ ।।
देख चलते मंजिल अपनी।
हार जाते कुछ लोग यहाँ ।।
मधुमक्खी सा देत शहद।
झार जाते कुछ लोग यहाँ ।।
साफ दिल भी भोला-भाला।
खार जाते कुछ लोग यहाँ ।।
जान न्योछावर कर खेदू।
पार जाते कुछ लोग यहाँ ।।
…..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
08-11-2024शुक्रवार