4891.*पूर्णिका*
4891.*पूर्णिका*
🌷 होती है जरूरत सबको 🌷
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होती है जरूरत सबको ।
साथी भी जरूरत सबको ।।
दुनिया खूबसूरत लगती।
अपनों की जरूरत सबको ।।
जीते आज हारे बाजी ।
हुनर यहाँ जरूरत सबको ।।
पांव अपना मंजिल चूमे ।
खुशियों की जरूरत सबको ।।
रखते दिल बड़ा सा खेदू।
आदर की जरूरत सबको ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
08-11-2024शुक्रवार