4884.*पूर्णिका*
4884.*पूर्णिका*
🌷 देश धरम पर बलि हो जाते 🌷
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देश धरम पर बलि हो जाते ।
नेक करम पर बलि हो जाते ।।
बांध कफन सर चलते हरदम।
देख परम पर बलि हो जाते ।।
लोग नहीं कहते दीवाना ।
वीर नरम पर बलि हो जाते ।।
सुंदर जीवन अपना खेदू।
चाह चरम पर बलि हो जाते ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
08-11-2024शुक्रवार