4867.*पूर्णिका*
4867.*पूर्णिका*
🌷 *ये दुनिया रंगे हम * 🌷
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ये दुनिया रंगे हम ।
ये बगिया रंगे हम ।।
स्पंदन देख ह्रदय का
ये पतिया रंगे हम ।।
भौरे झूमे हरदम ।
ये कलियाँ रँगे हम ।।
मकसद है नेक यहाँ ।
ये दरिया रंगे हम ।।
आज जमाना खेदू।
मन भलिया रंगे हम ।।
……..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
06-11-2024बुधवार