4859.*पूर्णिका*
4859.*पूर्णिका*
🌷 तू ही सच में नेक मिली 🌷
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तू ही सच में नेक मिली।
जग में देख अनेक मिली।।
पत्थर नहीं दिल देखो।
अपनी दुनिया एक मिली ।।
सजन यकीन जहाँ करते ।
बातें भी ना फेक मिली ।।
चलते-चलते रूके ना।
खुशियांँ सुंदर बेक मिली ।।
रोज गले मिलते खेदू।
मुहब्बत जैसे चेक मिली।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
06-11-2024बुधवार