4858.*पूर्णिका*
4858.*पूर्णिका*
🌷 अफसोस की बात है 🌷
2212 212
अफसोस की बात है ।
काली जहाँ रात है ।।
मिलता वही चाह जो।
क्या देख औकात है ।।
दिलदार समझा जिसे ।
करते यहाँ घात है ।।
कंकड़ बने हीर भी।
सच प्यार सौगात है ।।
नवराह खेदू चले ।
हरदम करामात है ।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
05-11-2024सोमवार