4806.*पूर्णिका*
4806.*पूर्णिका*
🌷 दिल की मिट गई दूरियां 🌷
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दिल की मिट गई दूरियां ।
खत्म सब देख मजबूरियां।।
खुशियों की महक भी यहाँ ।
बांटे रोज मन पूरियां ।।
कोशिश रंग लाई जहाँ ।
दूर हुई परेशानियां ।।
मोहक अब बने जिंदगी ।
आगे छोड़ नादानियां ।।
हरदम नेक खेदू बने।
देके साजन कुर्बानियां ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
01-11-2024शुक्रवार