4802.*पूर्णिका*
4802.*पूर्णिका*
🌷 खुशियांँ बांट चलेंगे 🌷
22 22 22
खुशियांँ बांट चलेंगे।
दुख को काट चलेंगे ।।
बदलेगी सच दुनिया।
कमियां छांट चलेंगे।।
निकलेगा रास्ता भी ।
बनके ठाट चलेंगे।।
मिलती हर चीज यहाँ ।
साथी हाट चलेंगे।।
संभल जाना खेदू।
अपना डांट चलेंगे।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
31-10-2024गुरुवार