4800.*पूर्णिका*
4800.*पूर्णिका*
🌷 बदले बदले देख नजारे 🌷
22 22 22 22
बदले बदले देख नजारे ।
मनभावन भी देख नजारे ।।
किसकी कितनी औकात यहाँ ।
मचले मचले देख नजारे ।।
मद में डूबे लोग जहाँ भी ।
बहके बहके देख नजारे ।।
खुशियां बांटे दुनिया में हम
चहके चहके देख नजारे ।।
ज्ब बदले रंग जहाँ खेदू।
लहके लहके देख नजारे ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
31-10-2024गुरुवार