48…Ramal musamman saalim ::
48…Ramal musamman saalim ::
faa’ilaatun faa’ilaatun faa’ilaatun faa’ilaatun:2122 2122 2122 2122
आह पर तुम, सादगी तम्बूरा, ले के क्या करोगे
हर किसी के आगे, अपना रोना ले के क्या करोगे
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पैर जंजीरें, किसे वाजिब लगा , कुछ सोचना भी
ढोल-ढपली, हाथ में मंजीरा , ले के क्या करोगे
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तुम सितम माने, बता देते ,कहाँ था लापता वो
फैसलों में ,आदमी फिर, हीरा ले के क्या करोगे
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आप जब तस्वीर, आ के खींच जाते , क्या बताएं
सूर-मीरा, संत सा रघबीरा, ले के क्या करोगे
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वो किताबी लोग थे, इतिहास के माहिर पुरोधा
खास उनसा, आखिरी सा –रुतबा, ले के क्या करोगे
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ऊँट तक तो, तुमको भिजवानी, ‘सुशी जी’ बात अपनी
मुठ्ठियों कह लेने , बोलो जीरा ,ले के क्या करोगे
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सुशील यादव
27.3.24