4789.*पूर्णिका*
4789.*पूर्णिका*
🌷 मेरी आभा बन जाओगे 🌷
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मेरी आभा बन जाओगे।
सारी खुशियाँ दे जाओगे।।
महकेगा जीवन सच हरदम।
सुंदर दुनिया दे जाओगे।।
मंजिल चूमेगी पांव यहाँ ।
सब रंग नया दे जाओगे।।
प्यार बरसते प्यारा बादल ।
दिल अपना खुद दे जाओगे।।
हालात यहाँ बदले खेदू।
तन मन धन सब दे जाओगे।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
31-10-2024बुधवार