4782.*पूर्णिका*
4782.*पूर्णिका*
🌷 चाहत की हिमाकत देखे 🌷
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चाहत की हिमाकत देखे।
दुनिया भी नजाकत देखे।
सच अपना जहाँ कहते हम ।
ये दिल की हकीकत देखे।।
जाने आज समझे कोई।
साजन सजन हरकत देखे।।
हरदम साफ दिल है अपना
करते अपन बरकत देखे।।
बढ़ते नेकियों से खेदू।
दिलवर दरक दरकत देखे।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
29-10-2024मंगलवार