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29 Oct 2024 · 1 min read

4781.*पूर्णिका*

4781.*पूर्णिका*
🌷 यूं नादानी छोड़ जाते 🌷
22 22 2122
यूं नादानी छोड़ जाते।
अपना नाता जोड़ जाते ।।
मंजिल का पथ नेक अपना।
देख दिशा तू मोड़ जाते ।।
रोना रोते कौन साजन ।
वादा कर ना तोड़ जाते ।।
नायाब यहाँ तोहफा है ।
दिल दुनिया झकझोड़ जाते ।।
खिलते बगियां रोज खेदू।
बिंदास लगा होड़ जाते ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
29-10-2024मंगलवार

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