4780.*पूर्णिका*
4780.*पूर्णिका*
🌷 सोच सुंदर ना बेकार यहाँ 🌷
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सोच सुंदर ना बेकार यहाँ ।
जो दिया अपना उपहार यहाँ ।।
देख दिल की भी हालात जरा ।
साजन हकीकत है प्यार यहाँ ।।
बांटते खुशियांँ मिलकर हरदम ।
जान भी तुझ पर बलिहार यहाँ ।।
नेकनीयत रखते हम सच में ।
बस बने सुख का संसार यहाँ ।।
साथ अपना जीवन भर खेदू।
मन कश्ती दामन पतवार यहाँ ।।
………..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
29-10-2024मंगलवार