4773.*पूर्णिका*
4773.*पूर्णिका*
🌷 साथ किसी का मिल जाता है 🌷
22 22 22 22
साथ किसी का मिल जाता है ।
मन भी अपना खिल जाता है ।।
दुनिया प्यारी आज हमारी ।
जीवन सुंदर खिल जाता है ।।
कांटे भी फूल बने देखो।
मौसम हरदम खिल जाता है ।।
खुशियाँ बांटे खुशियाँ खुशबू ।
दिन अपना मस्त खिल जाता है ।।
बदले सोच हमारी खेदू।
साथी दामन खिल जाता है ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
28-10-2024सोमवार