4763.*पूर्णिका*
4763.*पूर्णिका*
🌷 तेरे खातिर न्योछावर हम 🌷
22 22 22 22 2
तेरे खातिर न्योछावर सबकुछ ।
मेरे खातिर न्योछावर सब कुछ ।।
बदलेगी सच ये दुनिया अपनी।
अपने खातिर न्योछावर सब कुछ।।
काँटों की गलियां बस जीवन में।
खुशबू खातिर न्योछावर सबकुछ।।
दिन भी सुंदर काली रात कटे ।
मंजिल खातिर न्योछावर सबकुछ।।
देख समय के साथ चले खेदू।
खुशियांँ खातिर न्योछावर सबकुछ ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
25-10-2024शुक्रवार