4760.*पूर्णिका*
4760.*पूर्णिका*
🌷 तुम रहो नाराज 🌷
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तुम रहो नाराज ।
यूं करो आगाज।।
जिंदगी आसान ।
देख सुंदर आज ।।
चमन महके फूल ।
नेक अपना काज ।।
राह चलते मीत ।
माथ सजते ताज ।।
साफ खेदू वचन ।
साथ रहते नाज ।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार