4753.*पूर्णिका*
4753.*पूर्णिका*
🌷 अपनी हसरत क्या जानते 🌷
22 22 2212
अपनी हसरत क्या जानते।
क्यों है नफरत क्या जानते।।
सच में तुझको मंजिल मिले।
सुंदर फितरत क्या जानते।।
खुशियांँ भरती कब जिंदगी।
रखते नुसरत क्या जानते।।
बेशक हरदम करते मस्ती।
देखे कसरत क्या जानते।।
दिल में बसते खेदू यहाँ ।
रंगे कुदरत क्या जानते।।
………✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार